Indian Equity Market: एक रिपोर्ट के मुताबिक इक्विटी मार्केट के मामले में ब्रिटेन ने भारत को नौ महीने पीछे छोड़ दिया है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, ईटीएफ और एडीआर को छोड़कर ब्रिटेन की प्राथमिक लिस्टिंग का कुल बाजार पूंजीकरण मंगलवार को भारत से आगे निकल गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, अब ब्रिटिश इक्विटी मार्केट की वैल्यू भारत से 5.1 अरब डॉलर ज्यादा है और इसकी कुल वैल्यू करीब 3.11 लाख करोड़ डॉलर हो गई है. 29 मई 2022 के बाद ब्रिटेन का बाजार भारत से आगे निकल गया है. Read More – SIP Calculator News : कैसे काम करता है Mutual Fund SIP कैलकुलेटर, जान लीजिए फॉर्मूले की डीटेल …

ब्रिटिश बाजार की मदद की

रिपोर्ट में एजे बेल के इंवेस्टमेंट एनालिसिस के प्रमुख लीथ खलाफ के हवाले से कहा गया है, ब्रिटेन के शेयर बाजार में सक्रिय प्रबंधक छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग कर ज्यादातर निवेशकों को शानदार रिटर्न दे रहे हैं. इससे ब्रिटिश बाजार की अपील बढ़ी है. इसके अलावा अच्छा डिविडेंड देने वाली कंपनियां भी निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं.

ग्लोबल मार्केट से बेहतर रिटर्न

ब्रिटेन के FTSE 350 इंडेक्स ने पिछले साल भी ग्लोबल इक्विटीज के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिया था. इस वर्ष अब तक सूचकांक 5.9 प्रतिशत ऊपर है, जबकि MSCI का अखिल-देशीय विश्व सूचकांक इस वर्ष अब तक 4.7 प्रतिशत बढ़ा है. FTSE 100 इंडेक्स ने पिछले हफ्ते अपने इतिहास में पहली बार 8,000 का आंकड़ा पार किया. Read More – Live Concert में Sonu Nigam के साथ हुई हाथापाई, MLA के बेटे के खिलाफ केस दर्ज, सिंगर ने खुद बताया पूरा वाकया …

भारतीय बाजार पर ये कारक हावी

वहीं, भारतीय बाजार की बात करें तो यहां कई चुनौतियां हावी हैं. रुपए की कमजोरी के अलावा अदानी ग्रुप के शेयरों में लगातार भारी गिरावट का बुरा असर पड़ रहा है. एमएससीआई इंडिया इंडेक्स इस साल अब तक 6.1 फीसदी गिर चुका है.

24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 142 अरब डॉलर कम हो गया है. हालांकि गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग के आरोपों का लगातार खंडन किया है, लेकिन इसका शेयर की कीमत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.