दिल्ली। कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर बुरी तरह से तोड़ दी है। एक्सपर्ट का मानना है कि लॉकडाउन लगाना सरकार का गलत फैसला था। जिसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस बारे में देश के पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि बिना सोचे समझे देशव्यापी लॉकडाउन लगाने की वजह से अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष में 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। गर्ग ने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस महामारी का प्रसार शुरू में धीमा जरूर पड़ा लेकिन अर्थव्यवस्था को इससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है। पूर्व वित्त सचिव ने कहा कि देश की आर्थिक हालात अगले साल कहीं जाकर चौथी तिमाही यानि जनवरी—मार्च 2021 तक सामान्य हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि उस वक्त तक देश की जीडीपी को कोरोना के चलते करीब 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका होगा। गर्ग ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सरकारी निवेश बढ़ाए जाने की रणनीति पर भी काम करने की जरूरत है। पूर्व वित्त सचिव ने लॉकडाउन की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब लॉकडाउन लगाया गया उस समय देश में वायरस की शुरुआत ही हो रही थी। लॉकडाउन से उस समय इसका प्रसार धीमा हुआ, ज्यादा तेजी से नहीं फैला लेकिन इस दौरान देश की स्थिति को देखते हुये अर्थव्यवस्था को नुकसान ज्यादा हुआ है।