नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी कूटनीतिक संबंध तोड़ लिए हैं। साथ ही, सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश जारी किया गया। इस आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिकों में अपने देश लौटने की अफरा-तफरी मच गई, जिसके चलते वाघा-अटारी सीमा पर भारी भीड़ देखी गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में हजारों पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं। इनमें से 5,000 से अधिक अकेले दिल्ली में, लगभग 2,000 मुंबई और उत्तर प्रदेश में, और 250 उत्तराखंड में हैं। हालांकि, पहली डेडलाइन (27 अप्रैल) खत्म होने तक केवल 537 पाकिस्तानी ही अपने देश लौटे। दूसरी ओर, 1,387 भारतीय नागरिक, जिनमें कई राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, पाकिस्तान से भारत वापस आए।
दूसरी डेडलाइन 29 अप्रैल को खत्म हो रही है, जिसके लिए अब केवल 24 घंटे बाकी हैं। सवाल यह है कि हजारों पाकिस्तानी नागरिकों को कैसे वापस भेजा जाएगा? अगर कोई पाकिस्तानी डेडलाइन के बाद भारत में रहता है, तो उसे गैर-कानूनी माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अब तक कितने नागरिक लौटे ?
आदेश के बाद अटारी-वाघा सीमा से 24 अप्रैल को 28 पाकिस्तानी और 105 भारतीय नागरिक लौटे। 25 अप्रैल को 191 पाकिस्तानी और 287 भारतीय, जबकि 26 अप्रैल को 75 पाकिस्तानी और 335 भारतीय नागरिक वापस आए। सार्क वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल थी, जबकि मेडिकल वीजा वालों के लिए यह 29 अप्रैल है।

दिल्ली में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने दिल्ली में रह रहे करीब 5,000 पाकिस्तानी नागरिकों की सूची दिल्ली पुलिस को सौंपी है, ताकि उनकी वापसी सुनिश्चित की जा सके। उत्तर प्रदेश में 1,800 से अधिक, मुंबई में 2,000 और उत्तराखंड में 250 पाकिस्तानी नागरिक हैं। राज्य सरकारों के आदेशों के बाद जांच तेज कर दी गई है, और इन नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की तैयारी चल रही है।
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