Indian Navy On India-Pakistan War: भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर भारतीय सेना (Indian Army) ने बड़ा खुलासा किया है। भारतीय सेना ने कहा कि इंडियन नेवी को सिर्फ सरकार के इशारे का इंतजार था। इशारा मिलते ही हम कराची पोर्ट को तबाह कर देते। नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि युद्धपोत अरब सागर में मोर्चा संभाले हुए था। भारतीय नौसेना की जबरदस्त परिचालन क्षमता के कारण पाकिस्तान ने युद्ध विराम के लिए तत्काल अनुरोध किया।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादी हमले के 96 घंटे के भीतर भारतीय नौसेना ने अरब सागर में कई हथियारों की फायरिंग के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण और परिशोधन किया था। इससे चालक दल, आयुध, उपकरण और प्लेटफॉर्म की तत्परता को फिर से सत्यापित किया जा सके ताकि चयनित लक्ष्यों पर सटीक रूप से विभिन्न आयुध पहुंचाया जा सके।
नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि सेना और वायु सेना की तरफ से की गई गतिशील कार्रवाइयों के साथ-साथ समुद्र में भारतीय नौसेना की जबरदस्त परिचालन क्षमता ने कल (शनिवार को) पाकिस्तान को युद्ध विराम के लिए तत्काल अनुरोध करने में योगदान दिया।
‘सिर्फ सरकार के हुक्म का इंतजार था’
वहीं, ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर हुई प्रेस ब्रीफिंग में रविवार को नेवी के डायरेक्टर जनरल ऑफ नेवल ऑपरेशन (DGNO) वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि नौसेना 9 मई की रात पाकिस्तान की समुद्री सरहद में घुसकर उनके सैन्य ठिकानों और कराची बंदरगाह जैसे बड़े ठिकानों को तबाह करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। उन्होंने कहा कि नौसेना को सिर्फ सरकार के हुक्म का इंतजार था।
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उन्होंने बताया कि नौसेना समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तत्परता और क्षमता के साथ एक निवारक मुद्रा में उत्तरी अरब सागर में आगे तैनात रही, जिससे पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को बंदरगाहों के अंदर या उनके तट के बहुत करीब रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। तनाव नियंत्रण तंत्र के एक भाग के रूप में नौसेना की तरफ से बल प्रयोग की योजना थल सेना और वायु सेना के साथ समन्वय में बनाई गई थी।
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