नई दिल्ली। ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे (Indian Railway Accidents) में 288 यात्रियों की मौत हो गई है, वहीं 900 से अधिक घायल हुए. ताजा आंकड़ों के हिसाब से यह भारतीय रेल के इतिहास में तीसरी सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना है. वहीं सन 2000 के बाद पहली बड़ी दुर्घटना है, जिसमें मरने वाले यात्रियों की संख्या 200 से पार हुई है.

भारतीय रेल दुर्घटना का इतिहास

छह जून, 1981 : बिहार में देश की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई. पुल पार करते समय एक ट्रेन बागमती नदी में गिर गई, जिससे उसमें सवार 750 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी.

20 अगस्त, 1995 : उत्तर प्रदेश में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई. हादसे में लगभग 305 यात्री मारे गए थे.

2 जून 2023 : शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे ओडिशा के बालेश्वर के पास पटरी से उतरकर विपरित ट्रेक पर गिर गए थे, जिससे कुछ समय बाद विपरित दिशा से आ रही यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन जा टकराई, जिसके उसके 3-4 डिब्बे पटरी से उतर गए. इनमें से कुछ तीसरे ट्रेक पर खड़ी मालगाड़ी से जा टकराए. हादसे में समाचार लिखे जाने तक 288 यात्रियों की मौत की बात कही जा रही है, वहीं 900 से ज्यादा यात्री घायल बताए गए हैं.

दो अगस्त, 1999 : ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई. इस हादसे में 285 से अधिक यात्री मारे गए थे और 300 से अधिक हो गए थे.

26 नवंबर, 1998 : पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिससे 212 यात्रियों की मौत हो गई.

20 नवंबर, 2016 : उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 152 यात्रियों की मौत हो गई और 260 अन्य घायल हो गए.

28 मई, 2010 : मुंबई जा रही जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई. इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई.

नौ सितंबर, 2002 : हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई, जिससे उसमें सवार 140 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई.

23 दिसंबर, 1964 : पंबन-धनुस्कोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई, जिससे उसमें सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई.