दिल्ली. भारत ने गणतंत्र दिवस के दिन भारतीय उच्चायोग के सामने खालिस्तान समर्थकों द्वारा तिरंगा जलाने के मामले पर सोमवार को ब्रिटिश सरकार से कड़ा विरोध जताया है। वहीं ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने एक साल के भीतर दूसरी ऐसी घटना पर क्षोभ जताया।
भारतीय मिशन ने ब्रिटिश विदेश मंत्रालय को पत्र लिख कर विरोध जताया है। नोट में कहा गया कि इस मुद्दे को भविष्य में अलग अलग स्तरों पर उठाया जाएगा। भारत सरकार ने इस तरह की घटना का अंदेशा जताते हुए ब्रिटिश सरकार को पहले ही आगाह किया था। विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) ने कहा कि अलगाववादी संगठनों द्वारा इस तरह का कदम उठाए जाने से वह निराश हैं।
वहीं, स्कॉटलैंड यार्ड (पुलिस) ने कहा है कि वह शनिवार को हुई इस घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। एफसीओ प्रवक्ता ने कहा हम इस बात को लेकर निराश हैं कि किसी ने भारतीय ध्वज जलाने का कदम उठाया। उन्होंने इस हरकत के बाद किसी भी वर्ग को हुए दुख के लिए माफी भी मांगी।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम भारत को गणतंत्र दिवस पर बधाई देते हैं और अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करने की आशा करते हैं क्योंकि हम यूरोपीय संघ से बाहर निकलने वाले हैं और विश्व के अहम देशों के साथ नयी साझेदारी करने वाले हैं।’
मेट्रोपोलिटन पुलिस ने एक बयान में कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। किसी तरह का आपराधिक कार्य किए जाने की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। हम सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो से अवगत हैं जो 26 जनवरी को इंडिया हाउस के बाहर हुए प्रदर्शन का प्रतीत होता है। हम इसकी वजह का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं। एफसीओ के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम राष्ट्र ध्वज जलाए जाने को माफ नहीं करेंगे।’
ब्रिटेन में शनिवार को भारतीय तिरंगे को जलाने का दुस्साहस एक साल के भीतर दूसरी बार किया गया है। इससे पहले अप्रैल 2018 में पार्लियामेंट स्क्वॉयर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम से पहले खालिस्तान समर्थकों ने तिरंगे का अपमान किया था।