ब्रिटेन के आम चुनाव में लगभग 28 भारतीय मूल के सांसदों को हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुना गया है. ब्रिटेन चुनाव के नतीजे आए, जिसमें ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. लेबर पार्टी को इस चुनाव में जीत मिली है और उसने 400 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है. लेबर पार्टी के किएर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं. स्टार्मर 2020 में जर्मी कोर्बिन की जगह लेबर पार्टी के नए नेता चुने गए थे.
ब्रिटेन में जिन 28 भारतीय मूल के सांसदों को जीत मिली है, उसमें से रिकॉर्ड 12 सदस्य सिख समुदाय से आते हैं. इसमें 6 महिलाएं भी शामिल हैं, जो हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुनी गई हैं. जीतने वाले सभी सिख सांसद लेबर पार्टी के हैं. इनमें से 9 ऐसे सांसद हैं, जो पहली बार चुने गए हैं, जबकि 2 ऐसे भी सांसद हैं, जिन्हें 3 बार जनता ने मौका दिया है. एक सिख सांसद को दूसरी बार हाउस ऑफ कॉमन्स जाने का मौका मिला है.
इन सीटों से सिख सांसदों को मिली जीत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिख सांसद प्रीत कौर गिल और तनमनजीत सिंह ढेसी ने लेबर पार्टी के टिकट पर क्रमशः तीसरी बार बर्मिंघम एजबेस्टन और स्लो में जीत हासिल की. नाडिया व्हिटोम को नॉटिंघम ईस्ट से दूसरी बार जीत मिली. 2019 में जब व्हिटोम पहली बार सासंद चुना गई थीं तो वह 23 साल की उम्र में व्हिटोम हाउस ऑफ कॉमन्स में सबसे कम उम्र की सांसद थीं. नाडिया खुद को कैथोलिक सिख बताती हैं.
किरिथ एंटविस्टल, जिन्हें किरिथ अहलूवालिया के नाम से भी जाना जाता है, बोल्टन नॉर्थ ईस्ट से सांसद चुनी जाने वाली पहली महिला बनीं. डुडले संसदीय सीट से सोनिया कुमार भी पहली महिला सांसद बनी हैं. हडर्सफील्ड संसदीय सीट से हरप्रीत कौर उप्पल भी जीतकर पहली बार सांसद बनी हैं. कनाडा सिख सांसदों के मामले में पहले स्थान पर है, जहां 18 सिख सांसद हैं, जबकि ब्रिटेन 12 सांसदों के साथ दूसरे नंबर पर है.
इन भारतीय मूल के नेताओं को मिली जीत
जीत हासिल करने वालों में जस अठवाल (इलफोर्ड साउथ), बैगी शंकर (डर्बी साउथ), सोनिया कुमार (डडली), सुरीना ब्रेकनब्रिज (वॉल्वरहैम्प्टन नॉर्थ ईस्ट), किरिथ एंटविस्टल (बोल्टन नॉर्थ ईस्ट), जीवन संधेर (लॉफबोरो) और सोजन जोसेफ (एशफोर्ड) शामिल हैं.
मुनीरा विल्सन ने अपना ट्विकेनहैम निर्वाचन क्षेत्र वापस जीत लिया. भारत में पैतृक जड़ों वाले दो स्वतंत्र उम्मीदवारों, शोकात एडम पटेल (लीसेस्टर साउथ) और इकबाल मोहम्मद (ड्यूज़बरी और बैटली) ने फिलिस्तीन समर्थक प्रचार में निर्णायक जीत दर्ज की, जहां पूर्व ने लेबर कैबिनेट के फ्रंटलाइनर जोनाथन एशवर्थ को हराया, वहीं बाद वाले ने 40 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए.
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