दिल्ली. भारत में इंटरनेट यूजर्स को फर्जी खबरों का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। भारत में फर्जी खबरों का प्रसार वैश्विक औसत से कहीं ऊंचा हैं। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 22 देशों में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, 64 प्रतिशत भारतीयों को फर्जी खबरों का सामना करना पड़ा है। वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 57 प्रतिशत का है। यह सर्वे भारत में आम चुनाव से पहले आया है।

माइक्रोसॉफ्ट ने बयान में कहा कि भारत इंटरनेट पर फर्जी सूचनाओं के मामले में वैश्विक औसत से आगे हैं। सर्वेक्षण में शामिल 54 प्रतिशत लोगों ने इसकी सूचना दी। इसके अलावा 42 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें फिशिंग या स्फूगिंग से भी जूझना पड़ा है। दिलचस्प यह है कि परिवार या दोस्तों द्वारा आनलाइन जोखिम बढ़ाने का आंकड़ा 9 प्रतिशत बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया है।

इसके अलावा सर्वे में पाया गया कि ऑनलाइन खतरों से होने वाली परेशानियों की शिकायत करने के मामले में वैश्विक स्तर के मुकाबले भारत में ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर जहां 28 फीसदी ही शिकायत करते हैं वहीं भारत के मामले में यह आंकड़ा 52 फीसदी है। सर्वे के मुताबिक ऑनलाइन खतरों की सबसे ज्यादा मार किशोरों पर पड़ रही है।