स्पोर्ट्स डेस्क. अक्सर ये सुनने को मिल जाता है कि अगर भारतीय पिच है तो फिरकी गेंदबाजों की मददगार होगी, तेज गेंदबाज कुछ कमाल नहीं कर पाएंगे, अक्सर देखने को भी मिलता था जब टीम इंडिया भारतीय पिचों पर टेस्ट क्रिकेट खेलती थी तो अक्सर फिरकी गेंदबाजों पर टीम की निर्भरता ज्यादा रहती थी. कप्तान भी अपने फिरकी गेंदबाजों पर ज्यादा भरोसा करते थे, लेकिन अब वक्त बदल चुका है, इस न्यू टीम इंडिया में कप्तान का भरोसा अपने फिरकी गेंदबाजों पर तो रहता ही है साथ ही तेज गेंदबाजों पर भरोसा और बढ़ गया है, पिछले कुछ समय से देखा जाए तो टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी अटैक काफी आक्रामक हुई है, टीम के तेज गेंदबाज पिच किसी भी तरह की हो विकेट निकालने में कामयाब हो रहे हैं.

कोलकाता के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट मैच में तो टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने  ही सारे विकेट झटक लिए फिरकी गेंदबाजों को एक भी विकेट नहीं मिला, इतना ही नहीं बांग्लादेश के खिलाफ दो मैच की टेस्ट सीरीज में नजर डालें तो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में भारतीय तेज गेंदबाजों की तिकड़ी ही टॉप थ्री में है, यहां तक की जिस अश्विन को भारतीय पिचों पर विकेट टेकर माना जाता है वो भी इतने ज्यादा विकेट हासिल नहीं कर पाए हैं, इंडियन गेंदबाजों की कातिलाना गेंदबाजी के आगे भारतीय फिरकी गेंदबाजों को कुछ खास कमाल दिखाने का मौका नहीं मिला, जबकि दोनों ही टेस्ट सीरीज में अश्विन और जडेजा की जोड़ी ही खेल रही थी.

बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट

बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट मैच में ईशांत शर्मा ने 9 विकेट,  उमेश यादव ने 8 विकेट और मोहम्मद शमी ने 2 विकेट हासिल किए.  इस मैच में तो एक भी विकेट फिरकी गेंदबाजों को नहीं मिला.

सीरीज में टॉप थ्री विकेट टेकर

बांग्लादेश के खिलाफ दो मैच की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों पर नजर डालें तो ईशांत शर्मा और उमेश यादव ने 12-12 विकेट हासिल किए, तो वहीं मोहम्मद शमी को 9 विकेट मिला. और आर अश्विन महज 5 विकेट ही ले सके.

गौरतलब है कि इस समय भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी अटैक अपने पूरे लय में है, और पिच कहीं की भी हो देशी हो या विदेशी, टीम के तेज गेंदबाज विकेट निकालना जानते हैं और यही वजह है कि भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में जीत भी लगातार मिल रही है। और टीम नए-नए रिकॉर्ड अपने नाम कर रही है.