भारत में LGBTQ+ समुदाय के लिए एक सुरक्षित और संवेदनशील वर्चुअल स्पेस की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसी जरूरत को समझते हुए दीपाली लखनपाल और आयुषी वर्मा ने मिलकर “FirstContact” की शुरुआत की – भारत का पहला LGBTQ+ मेटावर्स प्लेटफॉर्म, जो खासतौर पर टियर-2, 3 और 4 शहरों में रहने वाले क्वियर लोगों को एक सुरक्षित, गुमनाम और इंटरेक्टिव स्पेस देता है।
First Contact : कहां से शुरू हुआ ये सफर?
2023 की शुरुआत में पंजाब की रहने वाली दीपाली (33) और आयुषी (28) ने मिलकर इस प्लेटफॉर्म की नींव रखी। आयुषी, जो दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से समाजशास्त्र में मास्टर्स कर चुकी हैं, ने किन्नर समुदाय पर रिसर्च की थी, जिसने इस प्रोजेक्ट के विचार को आकार दिया।
“जब मैंने लुधियाना में कुछ क्वियर लोगों से बात की, तो महसूस किया कि वे बहुत असहज थे, और ज्यादातर लोग मेट्रो शहरों की ओर भाग रहे थे। मेरे पास खुद कभी ऐसा सर्कल नहीं था जहाँ मैं अपने जज़्बातों को खुलकर ज़ाहिर कर सकूं,” — दीपाली लखनपाल
क्यों है यह प्लेटफॉर्म खास?
गुमनामी की आज़ादी: आप अपनी पहचान छिपाकर दूसरों से बात कर सकते हैं, चाहे आप कम्फर्टेबल हों या न हों।
कोई NGO या डेटिंग ऐप नहीं: यह न Tinder है, न Grindr, और न ही कोई औपचारिक NGO पोर्टल। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ आप बस “हो सकते हैं” – बिना किसी जजमेंट या दबाव के।
इंटरएक्टिव हाइब्रिड स्पेस: यूज़र्स वर्किंग ऑवर्स में काम करते हुए भी आपस में बात कर सकते हैं, गेम्स खेल सकते हैं, ब्रेक ले सकते हैं – एक तरह का डिजिटल “हैंगआउट” ज़ोन।
कनेक्शन, न कि रोमांस: यहां उद्देश्य है अर्थपूर्ण बातचीत और सपोर्टिव नेटवर्क बनाना, न कि सिर्फ रोमांटिक मैच खोजना।
“जब आप अपनी पहचान के साथ सहज नहीं होते, तब किसी अजनबी से बात करना अपने दोस्तों से बात करने से ज़्यादा आसान लगता है,” – दीपाली
FirstContact: ‘A Plugin To Your Life’
आयुषी कहती हैं, “ये प्लेटफॉर्म आपकी ज़िंदगी में एक ऐसा प्लगइन है जो आपके काम को थोड़ा और मज़ेदार बनाता है। आप लोगों के साथ काम कर सकते हैं, फिर साथ में ब्रेक ले सकते हैं, गेम खेल सकते हैं, गपशप कर सकते हैं।”
भारत में LGBTQ+ के लिए उम्मीद की एक नई किरण
जहां Humsafar Trust जैसे संगठन LGBTQ समुदाय के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं, वहीं उनकी पहुंच सीमित और अधिकतर औपचारिक है। FirstContact उन जगहों पर डिजिटल पहुंच बना रहा है, जहाँ अब तक सिर्फ खामोशी और अकेलापन था।
क्या भविष्य में इसे अपनाया जाएगा?
Meta जैसे बड़े नाम भी मेटावर्स को भविष्य की दुनिया मानते हैं, लेकिन FirstContact का नजरिया अलग है – यहां उद्देश्य है “अधिक मानवीय और सहज कनेक्शन”। न कोई हैवी हार्डवेयर की जरूरत, न वर्चुअल प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त – बस एक सादा, साफ और स्वागतयोग्य डिजिटल कम्यूनिटी स्पेस।
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