नई दिल्लीे। चीन और भारत में चल रहे विवाद के बीच चीन ने सैन्य अभ्यास कर भारत को अपनी सैन्य क्षमता से डराने की कोशिश की थी लेकिन चीन को माकूल जवाब देते हुए भारत ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर हिंद महासागर में युद्ध अभ्यास शुरु कर दिया है। तीनों देशों के एक साथ अभ्यास से चीन बौकला गया है।
इस अभ्यास को ऑपरेशन मालाबार का नाम दिया गया है। यह अभ्यास दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा नौसैनिक युद्धाभ्यास बताया जा रहा है। भारत, जापान, अमेरिका का यह सैन्य अभ्यास हर साल होता है। लेकिन पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद, हिन्द महासागर में दखल और अब भारत के साथ सिक्किम में चल रहे विवाद के बीच यह अभ्यास चीन की नींदें उड़ा दिया है। इस युद्धाभ्यास को बदली वैश्विक परिस्थिति में चीन को एक माकूल जवाब के रुप में देखा जा रहा है।
10 से 17 जुलाई तक चेन्नई से लेकर बंगाल की खाड़ा तक यह अभ्यास चलेगा। इसमें 20 जंगी जहाज, 2 सबमरीन, दर्जनों फाइटर जेट्स और टोही विमान शामिल होंगे। इस अभ्यास में पहली बार भारत का एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य भी शामिल होगा। आईएनएस विक्रमादित्य मिग-29 फाईटर जेट्स से लैस है। भारतीय बेड़े में एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य, INS सह्याद्रि, INS किर्च, INS शक्ति, INS सतपुड़ा, पी-8 आई चेतक हेलीकॉप्टर शामिल है।
वहीं अमेरिकी बेड़े में 1 लाख टन वजनी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज, न्यूक्लियर पावर से चलने वाला USS निमित्ज FA-18 फाइटर जेट्स से लैस है। लॉसएंजेलेस क्लास न्यूक्लियर अटैक सबमरीन, गाइडेड मिसाइल क्रूजर USS प्रिंसटन, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर USS हॉवर्ड, पी-8 ए एयरक्राफ्ट है।
उधर जापान के जंगी बेड़े में 27 हजार टन वजनी हेलिकॉप्टर कैरियर इजुमो मलाबार अभ्यास में शामिल हो रहा है। इसमें एंटी सबमरीन जंग में एक्सपर्ट है, वहीं हेलीकॉप्टर कैरियर इजुमो, JS साजानामी भी इस युद्धाभ्यास में शामिल होगा।