नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में देश के सबसे बड़े मल्टी मॉडल कार्गो हब की आधारशिला रखी गई. यह हब 80 एकड़ में विकसित होगा. यह उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश को एयर कार्गो से जोड़ेगा. आसियान देशों और प्रस्तावित भारत-यूएई यूरोप इकॉनोमिक कॉरिडोर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. स्विस कंपनी जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रही है. यहां पर अत्याधुनिक मल्टी मॉडल कार्गो हब भी विसकित किया जाएगा.
एयर इंडिया और सैट्स के ज्वॉइंट वेंचर एयर इंडिया सैट्स (एआईएसएटीएस)इस कार्गो हब को विकसित करेगा. इसे लेकर बीते फरवरी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश का करार किया गया था. जॉइंट वेंचर ने एआईएसएटीएस ने नोएडा कार्गो टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) बनाई. शुक्रवार को इस कंपनी ने जेवर एयरपोर्ट परिसर में मल्टी-मॉडल कार्गो हब (एमएमसीएच) की आधारशिला रखी. इस मौके पर एआई सैट्स, वाईआईएपीएल और टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारी मौजूद रहे.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में 40 एकड़ में एमआरओ (मेंटेनेंस रिपेयरिंग ओवरहालिंग) हब विकसित किया जाएगा. ताकि यहां आने वाले विमानों की मरम्मत की जा सके. यह एमआरओ परियोजना का हिस्सा है. हालांकि जेवर एयरपोर्ट की परियोजना के दूसरे चरण में एमआरओ विकसित किया जाना है. इसके लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण चल रहा है. बहुत जल्द इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाले जाएंगे ताकि कंपनी का चयन कर इसका निर्माण शुरू कराया जा सके.
यूपी का एक्सपोर्ट बढ़ेगा : एयर कार्गो शुरू होने से गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद का सामान सीधा यहीं से जा सकेगा. यूपी का एक्सपोर्ट कई गुना तक बढ़ जाएगा. यूपी का एग्रो मार्केट, ओडीओपी मार्केट, एमएसएमई मार्केट दुनिया के मार्केट से जुड़ जाएगा. इससे इकॉनमिक कॉरिडोर को भी काफी लाभ होगा.
कॉर्गो टर्मिनल 37 एकड़ में बन रहा
यह कॉर्गो टर्मिनल 37 एकड़ में बन रहा है. इससे बड़ा कॉर्गो टर्मिनल अब तक नहीं बना है. पूरी परियोजना 80 एकड़ में होगी. शुरुआत में यहां दो लाख टन माल हर साल जा सकेगा. यह क्षमता 20 लाख टन सालाना तक जा सकेगी. इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल होगा. इसमें कूलपोर्ट बनेगा, दवाओं आदि के लिए उचित तापमान मिल सकेगा. कोरियर टर्मिनल और ट्रकिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा.
कंपनी अब तक 456 करोड़ का निवेश कर चुकी
कंपनी पहले चरण में 1200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसमें से कंपनी अब तक 456 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है. कार्गो हब भारतीय एयर कार्गो और लॉजिस्टिक सप्लाई चेन सेक्टर को स्मार्ट, सहज, स्केलेबल और सुरक्षित समाधान प्रदान करने का वादा करता है. कंपनी अगले साल एयरपोर्ट की शुरुआत तक कॉर्गो हब को तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. एयरपोर्ट के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कॉर्गो हब का शुभारंभ कर सकते हैं. बता दें कि यह एयरपोर्ट अत्याधुनिक होगा. यहां भारत-यूएई यूरोप इकॉनोमिक कॉरिडोर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इससे व्यापार बढ़ेगा और जेवर को भी नया आयाम मिलेगा.