India’s Renewable Energy Job: भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र ने 2023 में 1 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित किए हैं. भारतीय अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार 2023 में 1.02 मिलियन (10.02 लाख) तक पहुंचने का अनुमान है, जो ऊर्जा क्षेत्र में देश के बढ़ते नेतृत्व और आर्थिक विकास को गति देने वाले हरित रोजगार सृजित करने पर क्षेत्र के फोकस को दर्शाता है.
मोदी सरकार का कहना है कि भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़ा नियोक्ता जलविद्युत है. इसने 2023 में लगभग 453,000 रोजगार प्रदान किए, जो कुल वैश्विक योगदान का 20 प्रतिशत है. जलविद्युत ने चीन के बाद दूसरे सबसे अधिक रोजगार प्रदान किए.
सौर पीवी क्षेत्र ने ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों क्षेत्रों में लगभग 318600 लोगों को रोजगार दिया है. भारत 2023 में 9.7 गीगावाट सौर पीवी क्षमता के साथ वैश्विक स्तर पर 5वें स्थान पर है और यह क्षमता वर्ष के अंत तक 72.7 गीगावाट तक पहुंच जाएगी.
रोजगार के अवसर बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के अनुसार, अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में जनशक्ति 2022 में 13.7 मिलियन से बढ़कर 2023 में 16.2 मिलियन हो जाने का अनुमान है. रिपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सहयोग से विकसित किया गया है.
भारत में अक्षय ऊर्जा के बढ़ने से न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लाखों लोगों के लिए स्थायी आजीविका भी बनेगी.
भारत की परिचालन मॉड्यूल निर्माण क्षमता 2023 में 46 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 58 गीगावाट होने की उम्मीद है. सेल निर्माण क्षमता 2023 में 26 गीगावाट थी और 2024 में 32 गीगावाट तक पहुँचने का अनुमान है.
इससे भारत चीन के बाद वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा पीवी निर्माता बन जाएगा. IRENA की रिपोर्ट का अनुमान है कि 2023 में भारत में ग्रिड से जुड़े सोलर पीवी में 238000 नौकरियां होंगी, जो 2022 से 18 प्रतिशत अधिक है. ऑफ-ग्रिड सोलर सेक्टर में करीब 80000 लोग काम करते हैं.
किस सेक्टर में कितनी नौकरियां पैदा हुईं?
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत की पवन ऊर्जा क्षमता 44.7 गीगावॉट थी और इसके साथ ही भारत दुनिया में चौथे स्थान पर था, लेकिन साल 2023 में इसमें 2.8 गीगावॉट बिजली जुड़ गई, जो 5 साल की धीमी वृद्धि के बाद उल्लेखनीय वृद्धि है.
भारतीय पवन क्षेत्र में 2023 में करीब 52,200 लोगों को रोजगार मिला. 40 प्रतिशत लोग विनिर्माण और 35 प्रतिशत अन्य सहायता में लगे हुए थे. लिक्विड बायोफ्यूल सेक्टर ने 35,000 नौकरियां दीं.
बायोमास सेक्टर ने 58,000 नौकरियां दीं. सौर तापन और शीतलन क्षेत्र में 17,000 लोगों को रोजगार मिला, जबकि बायोगैस से 85,000 लोगों को रोजगार मिला. भविष्य में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में और वृद्धि होने की उम्मीद है.
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