स्पोर्ट्स डेस्क. भारत के पीआर श्रीजेश और सविता पूनिया को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के पुरस्कारों में लगातार दूसरी बार बुधवार को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महिला गोलकीपर चुना गया. पिछले 16 वर्षों से भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे श्रीजेश टीम का अभिन्न अंग बने हुए है. वह पिछले वर्ष टीम के हॉकी प्रो लीग के सभी 16 मैचों में मैदान पर उतरे. भारत इस लीग में तीसरे स्थान पर रहा. श्रीजेश इसके साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी थे. उन्होंने बर्मिंघम में इसके सभी 6 मैचों में टीम का मैदान पर प्रतिनिधित्व किया.

एफआईएच ने श्रीजेश की तारीफ करते हुए कहा गया कि उनके करियर की लंबाई लगातार उम्र को धता बता रही है. भारत का 34 वर्षीय यह खिलाड़ी लगातार अपने खेल के स्तर को ऊपर उठा रहा है. इस पुरस्कार के लिए हुए चुनाव में श्रीजेश को कुल 39.9 अंक मिले. बेल्जियम के लोइक वैन डोरेन (26.3 अंक) दूसरे और नीदरलैंड के प्राइमिन ब्लाक (23.2 अंक) तीसरे स्थान पर रहे. मतों का यह प्रतिशत विशेषज्ञों (40%), टीम (20%), प्रशंसकों (20%) और मीडिया (20%) के मतदान पर आधारित था.

तीसरे खिलाड़ी बने भारतीय पुरुष गोलकीपर
श्रीजेश एफआईएच वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का खिताब लगातार 2 बार जीतने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं. इससे पहले डेविड हर्ट (आयरलैंड) ने 2015 और 2016 तथा विन्सेंट वनाश (बेल्जियम) ने 2017 से 2019 तक लगातार तीन बार इसे जीता है. सत्र के दौरान श्रीजेश ने 250 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले भारत के पहले गोलकीपर और कुल 8वें खिलाड़ी बने.

पुरस्कार जीतना सम्मान की बात
बेंगलुरु स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में जारी टीम शिविर में शामिल श्रीजेश ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं, यह एक विशेष पुरस्कार है क्योंकि हॉकी प्रशंसक हमें वोट दे रहे हैं. यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान और कड़ी मेहनत का प्रमाण है. आप करियर के किसी भी चरण में हो, पुरस्कार जीतना हमेशा एक प्रेरक कारक होता है. यह पुरस्कार निश्चित रूप से मुझे आने वाले समय में खेल में और अधिक सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा, जहां टीम को एफआईएच हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 को भुवनेश्वर-राउरकेला में खेलना है.

सविता ने अर्जेन्टीना की बेलेन सुसी को पछाड़ा
32 वर्षीय सविता 37.6 प्रतिशत अंकों के साथ मतदान में शीर्ष पर रही. अर्जेन्टीना की दिग्गज बेलेन सुसी 26.4 प्रतिशत के साथ दूसरे जबकि ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज जोसेलिन बार्टम (16 प्रतिशत अंक) तीसरे स्थान पर रही. सविता 2014 में शुरू हुए इन पुस्कारों में लगातार 2 बार वर्ष की सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर (महिला) का पुरस्कार जीतने वाली केवल तीसरी खिलाड़ी हैं.

महिला गोलकीपर ने भारतीय हॉकी प्रशंसकों का किया शुक्रिया अदा
राष्ट्रीय खेलों के लिए गुजरात में मौजूद सविता ने कहा कि यह निश्चित रूप से एक बड़ा आश्चर्य और बहुत सुखद है. मुझे यकीन है कि कई भारतीय हॉकी प्रशंसकों ने हमें वोट दिया है और मैं उनमें से प्रत्येक को धन्यवाद देती हूं. सविता ने टीम के एफआईएच प्रो लीग 2021-22 के अपने पहले अभियान में तीसरे स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई. भारतीय कप्तान ने इस दौरान 14 मैचों में आश्चर्यजनक रूप से 57 बचाव किए. सविता ने बर्मिंघम में 2022 सीडब्ल्यूजी में टीम के कांस्य पदक जीतने के अभियान में शानदार प्रदर्शन किया. न्यूजीलैंड के खिलाफ कांस्य पदक मैच में उनका शानदार खेल से भारत ने पदक के 16 वर्षों के इंतजार को खत्म किया था.

FIH ने बांधे सविता की तारीफों के पुल
एफआईएच के मुताबिक, सविता भारतीय गोलपोस्ट की रक्षा में शानदार थी. उन्होंने असंभव जैसी परिस्थितियों में कई बार गोल का बचाव सफलतापूर्वक किया. ऐसे में इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उसे दुनिया भर के अन्य गोलकीपरों के मुकाबले लगभग दोगुने वोट मिले. इससे पहले मंगलवार को भारत की फारवर्ड मुमताज खान को एफआईएच की वर्ष की उभरती हुई सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुना गया था.