‘भारत के वॉरेन बफे’ राकेश झुनझुनवाला 5 जुलाई, 2021 को अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं. आइए जानते हैं कि एक मध्यवर्गीय टैक्स ऑफिसर के घर जन्में राकेश झुनझुनवाला ने कैसे 5000 रुपए के पहले निवेश से आज 34 हजार करोड़ की संपत्ति तक बनाई है.

राकेश झुनझुनवाला ने 1985 में कॉलेज के दिनों में शेयर बाजार में कारोबार करना शुरू किया. उस समय बीएसई सेंसेक्स 150 अंक के आसपास हुआ करता था, और उन्होंने 5000 रुपए से शेयर बाजार में पूंजी निवेश करना शुरू किया था. राकेश झुनझुनवाला को पहली बड़ी कमाई टाटा टी के शेयर से हुई, जिसमें उन्होंने 1986 में 5 लाख रुपए का मुनाफा कमाया. उन्होंने 43 रुपये की कीमत पर टाटा टी के 5,000 शेयर खरीदे, जो केवल तीन महीनों के भीतर बढ़कर 143 रुपए हो गया. यह उनके निवेश किए गए पैसे को तीन गुना से अधिक था.

कभी ‘भालू’ तो कभी ‘बैल’

आज ‘बिग बुल’ कहलाने वाले राकेश झुनझुनावाला हर्षद मेहता के दौर में ‘बीयर’ (भालू) हुआ करते थे. हर्षद मेहता का घोटाला  सामने आने के बाद 1992 के बाद शेयरों को कम कर बहुत पैसा कमाया. 1990 के दशक में भारतीय शेयर बाजार में स्थापित कार्टेल का वर्चस्व हुआ करता था. ऐसे ही एक बीयर कार्टेल का नेतृत्व मनु मानेक ने कर रहे थे. ‘ब्लैक कोबरा’ के नाम से चर्चित इस कार्टेल में राधा कृष्ण दमानी और राकेश झुनझुनवाला सहित अन्य ब्रोकर शामिल थे.

बनाया RARE Enterprises

राकेश राधेश्याम झुनझुनवाला ने 1987 में मुंबई के अंधेरी में रहने वाली शेयर ब्रोकर रेखा झुनझुनवाला से शादी की थी. सालों तक शेयर ब्रोकिंग के काम में लगे रहने के बाद 2003 में राकेश झुनझुनवाला ने अपनी खुद की स्टॉक ट्रेडिंग फर्म रेयर एंटरप्राइजेज (RARE Enterprises) की स्थापना की, जिसे अपनी और अपनी पत्नी रेखा के नाम के पहले दो अक्षरों – राकेश से ‘Ra’; रेखा से ‘Re’  को शामिल किया था.

20,000 करोड़ रुपए के 37 शेयर

राकेश झुनझुनवाला और सहयोगी के पास 31 मार्च, 2021 को समाप्त तिमाही के अंत में 19,695.3 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर है, जिनमें टाइटन कंपनी, टाटा मोटर्स, क्रिसिल, ल्यूपिन, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, फेडरल बैंक, डेल्टा कॉर्प, डीबी रियल्टी और टाटा कम्युनिकेशंस सहित 37 स्टॉक शामि है. इनमें से सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध होल्डिंग घड़ी और आभूषण निर्माता टाइटन कंपनी है, जिसका मूल्य 7,879 करोड़ रुपये है.

कोविड की तीसरी लहर को नकारा

राकेश झुनझुनवाला COVID-19 की तीसरी लहर को लेकर परेशान नहीं हैं. उनके हिसाब से लहर हो या न हो, भारतीय अर्थव्यवस्था इस तरह के संकट का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है. उन्होंने निवेशकों को बाजारों में सतर्क रहने की सलाह भी दी और कहा कि अगर तीसरी लहर है, तो भी बाजार पहले से ही इसमें छूट दे रहे हैं. इसके साथ उन्होंने COVID-19 महामारी के बीच डिजिटलीकरण की पहल की सराहना की, जिसने ‘वर्क फ्रॉम होम’ की स्थापना की.