IndiGo Flight Cancellations: इंडिगो की उड़ान सेवाएं देशभर में गंभीर रूप से प्रभावित हैं। शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से लगभग 235 उड़ानें रद्द की गईं। इसके साथ ही दिल्ली से उड़ान भरने वाली सभी इंडिगो फ्लाइट्स आज के लिए पूरी तरह रद्द कर दी गई हैं। लगातार कैंसिल हो रही उड़ानों ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और कई एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के परिचालन में यह संकट तीसरे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को एयरलाइन ने 550 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए। इस मुद्दे पर अब राजनीति भी गर्मा गई है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इंडिगो का संकट सरकार के कथित ‘मोनोपॉली मॉडल’ का परिणाम है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण एविएशन सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा खत्म होती जा रही है।
दिल्ली एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द किए जाने की घोषणा के बाद इंडिगो ने यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त इंतज़ाम किए हैं। इंडिगो की एडवाइजरी के अनुसार, T3 पर डोमेस्टिक पियर जंक्शन, T2 पर पोस्ट-सिक्योरिटी सेल्फ मेडिकेशन रूम, और T1 पर डिपार्चर मेडिकल सेंटर में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि यात्रियों को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी 90 से अधिक उड़ानें रद्द की गई हैं। अन्य प्रमुख एयरपोर्ट्स पर भी कई उड़ानें रद्द हुई हैं और बड़ी संख्या में फ्लाइट्स देरी से संचालित हो रही हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।
इंडिगो इन दिनों केबिन क्रू से जुड़ी समस्याओं और अन्य परिचालन कारणों के चलते गंभीर व्यवधानों का सामना कर रही है। स्थिति लगातार बिगड़ती देख नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) पिछले कुछ दिनों से इंडिगो की उड़ान बाधाओं की निगरानी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को इंडिगो ने DGCA को जानकारी दी कि वर्तमान परिस्थितियों में उड़ान संचालन के पूरी तरह स्थिर होने में समय लगेगा, और यह प्रक्रिया 10 फरवरी, 2026 तक सामान्य होने की उम्मीद है।
IndiGo संकट संसद तक पहुंचा, राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना
इंडिगो के परिचालन संकट और बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने का मुद्दा अब संसद तक पहुंच गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि एयरलाइन सेक्टर में बढ़ती मोनोपॉली और कम होती प्रतिस्पर्धा ही मौजूदा अव्यवस्था की सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने लिखा, “इंडिगो की नाकामी इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल की कीमत है। एक बार फिर आम भारतीय इसकी कीमत देरी, कैंसलेशन और लाचारी के रूप में चुका रहे हैं।” उन्होंने मांग की कि देश के एविएशन सेक्टर में फेयर कॉम्पिटिशन सुनिश्चित होना चाहिए ताकि यात्रियों को भरोसेमंद सेवाएं मिल सकें। राहुल ने कहा कि भारत हर सेक्टर में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि “मैच-फिक्सिंग मोनोपॉली” का।
राज्यसभा में भी गूंजा इंडिगो संकट, सांसदों ने उठाई मोनोपॉली पर चिंता
इंडिगो एयरलाइंस के परिचालन में आई भारी दिक्कतों और बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने का असर आम यात्रियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सभी पर पड़ा है। शुक्रवार को यह मुद्दा राज्यसभा में भी जोरदार तरीके से उठा। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने सदन में कहा कि इंडिगो की उड़ानों में लगातार आ रहे व्यवधान और कैंसिलेशन से यात्रियों के साथ-साथ सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में जाने में परेशानी हो रही है। उन्होंने इस पूरे संकट के लिए एविएशन सेक्टर में बढ़ती मोनोपॉली को जिम्मेदार ठहराया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री किरें रिजिजू ने कहा कि इस मामले पर विस्तृत जवाब नागरिक उड्डयन मंत्री देंगे।
क्यों खड़ी हो गई है यह मुसीबत?
इंडिगो इन दिनों गंभीर क्रू शॉर्टेज का सामना कर रही है। उड़ान ड्यूटी की सीमा तय करने वाले नए एफडीटीएल नियम लागू होने के बाद स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है। नए दिशानिर्देशों में पायलटों के लिए साप्ताहिक विश्राम समय बढ़ा दिया गया है और रात में की जाने वाली लैंडिंग की संख्या को सीमित किया गया है, जिससे उड़ान सुरक्षा को और सख़्ती से सुनिश्चित किया जा सके। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पायलट अनिवार्य रेस्ट पीरियड के कारण निर्धारित उड़ानें संचालित नहीं कर पा रहे हैं।
इंडिगो ने डीजीसीए को सूचित किया है कि वह 8 दिसंबर से अपने उड़ान संचालन में कटौती करेगी। एयरलाइन को उम्मीद है कि स्थिति 10 फरवरी तक स्थिर हो जाएगी। कंपनी ने डीजीसीए से एफडीटीएल नियमों, खासकर रात्रिकालीन संचालन से जुड़े प्रावधानों में 10 फरवरी तक छूट देने का अनुरोध किया है। इंडिगो का कहना है कि नए एफडीटीएल दिशानिर्देशों के लागू होने से अधिक पायलटों की जरूरत पड़ रही है। नियमों के अनुसार पायलटों के साप्ताहिक विश्राम को 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है। इसके अलावा एक पायलट सप्ताह में दो से अधिक नाइट लैंडिंग नहीं कर सकता और अधिकतम दो लगातार नाइट ड्यूटी ही लगाई जा सकती हैं। इन प्रावधानों के चलते उपलब्ध पायलटों की संख्या कम हो गई है और संचालन पर प्रभाव पड़ा है।
इंडिगो का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक उड़ानों की संख्या कम रखनी पड़ेगी। एयरलाइन ने यात्रियों को हो रही असुविधा पर खेद जताते हुए कहा है कि संचालन को पूरी तरह सामान्य करने में अभी समय लगेगा। कंपनी ने यात्रियों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट के लिए घर से निकलने से पहले अपनी फ्लाइट का शेड्यूल अवश्य चेक करें, क्योंकि अगले कुछ दिनों तक उड़ानों के समय या संचालन में बदलाव की संभावना बनी रहेगी।
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