अमित पांडेय, खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ द्वारा चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को समाप्त हो गई। कुलपति डॉ. लवली शर्मा के हस्तक्षेप और कर्मचारियों की 13 में से 9 मांगों को तत्काल स्वीकृति देने के बाद यह आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की गई। शेष 4 मांगें शासन स्तर की होने के कारण उनके निराकरण के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा की जाएगी।

10 जुलाई को शुरू हुआ था चरणबद्ध आंदोलन
गैर-शिक्षक संघ ने 10 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की थी, जो 17 जुलाई को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल गया था।
कुलपति ने इन मांगो को किया गया स्वीकृत

- दिनांक 14, 17, 18 एवं 21 जुलाई 2025 को की गई हड़ताल अवधि को निरंक मानते हुए कार्य दिवस के रूप में मान्यता दी जाए तथा वेतन प्रदान किया जाए।
- विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की पूर्व में त्रुटिपूर्ण जारी वरिष्ठता सूची के संबंध में उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में से निर्गत किए गए 4 कर्मचारियों को पुनः कार्य पर नियुक्त किया जाए।
- वर्ष 2025 की अंतिम वरिष्ठता सूची को अन्य वर्षों की भांति शीघ्र जारी किया जाए।
- वरिष्ठता के आधार पर पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की जाए।
- विश्वविद्यालय में स्वीकृत शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों के अभिप्रमाणित रोस्टर बिंदुओं की प्रति प्रदान की जाए।
- गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ हेतु स्वतंत्र कक्ष/भवन उपलब्ध कराया जाए।
- विश्वविद्यालय में कार्यरत ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर ली है, उन्हें समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए।
- छत्तीसगढ़ शासन के नियमानुसार, सेवानिवृत्ति से 4 माह पूर्व अंशदान की कटौती बंद कर, पेंशन प्रकरण की तैयारी करवाई जाए ताकि कर्मचारी को समय पर पेंशन मिल सके।
इन मांगो पर राज्य सरकार से अनुशंसा किये जाने का दिया आश्वासन
- विश्वविद्यालय में एकल पदों पर कार्यरत कर्मचारियों, जिनके लिए कोई पदोन्नति चैनल उपलब्ध नहीं है, के संबंध में शासन से पत्राचार कर पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।
- वर्तमान में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के आधार पर पेंशन प्रदान की जा रही है। इसे सातवें वेतनमान के अनुसार करने हेतु शासन से पत्राचार कर आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- पुरानी पेंशन योजना, जो शासन के अन्य विभागों में लागू की जा चुकी है, उसे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर भी लागू किया जाए।
- विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त/दिवंगत कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान करने हेतु कार्योत्तर स्वीकृति की प्रक्रिया पूर्ण की जाए ताकि आश्रितों को भी लाभ प्राप्त हो सके।
कुलपति ने जताई संवेदनशीलता, कर्मचारियों ने जताया आभार
मंगलवार को कुलपति डॉ. लवली शर्मा स्वयं हड़ताल स्थल पर पहुंचीं और कर्मचारियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने कर्मचारियों की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं और विश्वविद्यालय स्तर पर संभव सभी 9 मांगों को तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा की।

इस पर कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्त करते हुए कुलपति और कुलसचिव को गुलदस्ता भेंट कर आभार प्रकट किया। संघ के जिला अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह ने कहा, “हमने विश्वविद्यालय की गरिमा और छात्रों के हित को सर्वोपरि रखते हुए आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है।”
विश्वविद्यालय में लौटी रौनक
गौरतलब है कि हड़ताल के चलते विश्वविद्यालय की प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियां ठप हो गई थीं, जिससे छात्रों और कर्मचारियों दोनों को परेशानी हो रही थी। हड़ताल समाप्त होने के साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में फिर से सामान्य गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं। छात्रों और कर्मचारियों में संतोष और राहत का वातावरण देखा गया। पिछले कुछ वर्षों से विश्वविद्यालय कई बार आंदोलनों और प्रशासनिक विवादों में उलझा रहा है। यह समाधान एक सकारात्मक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
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