हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर जिला न्यायालय ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने नाबालिग बच्चे के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और खतना कराने के मामले में आरोपी इलियास कुरैशी को दोषी करार दिया है। अदालत ने उसे 10-10 साल की सजा और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। यह मामला दो साल पहले सामने आया था, जब फरियादी महेश नाहटा ने शिकायत दर्ज कराई थी।

जानकारी के मुताबिक, शाजापुर की रहने वाली महिला की शादी साल 2014 में राजस्थान के महेश नाहटा से हुई थी। इस शादी से उनके दो बच्चे हुए। बाद में महिला का इंदौर निवासी इलियास कुरैशी से प्रेम संबंध हो गया, जिसके बाद वह अपने बच्चों को लेकर प्रेमी के साथ रहने लगी। आरोप है कि इस दौरान इलियास कुरैशी ने महिला के 8 साल के बेटे का जबरन खतना करवा दिया और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया। जब महेश नाहटा को इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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महेश नाहटा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि इलियास कुरैशी ने बच्चे का नाम बदलकर नया जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था। साथ ही जबरन धर्म परिवर्तन कराने और खतना करवाने का भी मामला सामने आया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी इलियास कुरैशी के खिलाफ अपहरण, धोखाधड़ी, जबरन धर्म परिवर्तन और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। इस गंभीर मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूत पेश किए, जिसके आधार पर न्यायाधीश जितेंद्र सिंह कुशवाहा ने आरोपी इलियास कुरैशी को दोषी मानते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई। इसके अलावा 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।

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