हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में पहली बार दोनों हाथ डोनेट किए गए। कारोबारी के निधन पर लिवर, दोनों हाथ, दोनों किडनी, आंखें और त्वचा दान करने के लिए 3 ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। परिवार के इस फैसले की इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने सराहना की। 

टाइल्स व्यापारी के ब्रेन डेड होने पर परिवार ने अंगदान का लिया निर्णय

दरअसल, मनोरमा गंज निवासी 68 वर्षीय टाइल्स व्यापारी सुरेंद्र जैन का ब्रेन डेड होने के बाद परिवार ने उनके अंगदान का फैसला लिया। शेल्बी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने ब्रेन डेड की पुष्टि की। इसके बाद परिवार ने मुस्कान ग्रुप से संपर्क किया और अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई।  

लिवर, दोनों हाथ, दोनों किडनी, आंखें और त्वचा किए गए दान

सुरेंद्र जैन के लिवर, दोनों हाथ, दोनों किडनी, आंखें और त्वचा दान किए गए। लिवर को मुंबई के जूपिटर हॉस्पिटल, हाथों को ग्लोबल हॉस्पिटल मुंबई, जबकि किडनी को चोइथराम और राजश्री अपोलो हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट के लिए भेजा गया। नेत्रदान एमके इंटरनेशनल आई बैंक और त्वचा दान चोइथराम स्किन बैंक को किया गया। अंगों को जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। 

इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने परिवार के निर्णय की सराहना की

पहला ग्रीन कॉरिडोर शेल्बी हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक चला, दूसरा राजश्री अपोलो हॉस्पिटल और तीसरा चोइथराम हॉस्पिटल तक संचालित हुआ। इन सभी कॉरिडोर को समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने परिवार से मुलाकात कर उनके निर्णय की सराहना की। 

अंग दान ने कई मरीजों को दी नई जिंदगी

इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह के नेतृत्व में एमजीएम मेडिकल कॉलेज और सोटो की टीम ने 24 घंटे कार्यरत रहकर अंग आवंटन की प्रक्रिया पूरी की। मुस्कान ग्रुप और ट्रैफिक पुलिस ने भी इसमें सहयोग किया। तकनीकी कारणों से लंग्स डोनेशन संभव नहीं हो सका, लेकिन बाकी अंगों के दान ने कई मरीजों को नई जिंदगी दी।

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