हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में मुनक्का माफिया की मदद करने के आरोप में कलेक्टर ने सहायक आबकारी अधिकारी राजीव द्विवेदी को कारण बताओ नोटिस थमाया है। अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन करते हुए भांग के व्यापारियों की मदद की। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

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दरअसल, सीएम के निर्देश के बाद इंदौर में मादक पदार्थों के अवैध विक्रय करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
इसी कड़ी में कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर 10 अक्टूबर को ग्राम जाख्या, रेवतीरेंज स्थित शुक्ला फार्म हाउस के गोदाम में जिला प्रशासन, आबकारी विभाग और आयुष विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारा था। इस दौरान सागर आयुर्वेदिक फार्मेसी के ऑफिस व गोदाम से लगभग 2 क्विंटल पिसी हुई भांग, लगभग 5 क्विंटल मुनक्का, सड़ा गुड, भांग की गोली और पैकेजिंग मशीने जब्त की गई थी। वहीं सागर आयुर्वेदिक फार्मेसी पर अवैध मुनक्का भांग फैक्ट्री का संचालन होना पाया गया, जिसका संचालन पंकज वैष्णव और प्रिंस जोशी द्वारा किया जा रहा था।

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बना लाइसेंस के चल रहे थे फैक्ट्री
दरअसल, बिना लाइसेंस के ही सागर फार्मेसी व अन्य आरोपियों द्वारा मिलकर अवैध भांग से भांग की गोली को इन छोटे-छोटे पैकेटों में तरंग विजयावटी, मस्ताना मुनक्का, शिवम् के नाम से मुनक्का तैयार किया जा रहा था।

FIR कराने में बरती लापरवाही
यह अवैध फैक्ट्री सहायक आबकारी अधिकारी द्विवेदी के क्षेत्रान्तर्गत चल रही थी। फैक्ट्री के संचालक पंकज वैष्णव, प्रिंस जोशी और हीरालाल पंजवानी (फर्म मस्ताना मुनक्का), गौरव बसेनी (फर्म मेसर्स शिवम मार्केटिंग), गोपाल धनोतिया, राहुल धनोतिया (तरंग कार्मा) द्वारा मिलकर भांग की गोली का निर्माण व पैकेजिंग की जा रही थी। जिससे आरोपियों के खिलाफ संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन सहायक आबकरी अधिकारी राजीव द्विवेदी ने प्रकरण में स्वयं एफआईआर न कराते हुए अपने कनिष्ट अधिकारी आशीष कुमार जैन से एफआईआर दर्ज करवाई। जिसमें केवल पंकज वैष्णव को ही आरोपी बनाया गया। सहायात आबकारी अधिकारी ने अपने दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन किया। इस वजह से कलेक्टर ने नोटिस थमाया है।

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कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि अभी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। अगर संजोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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