हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर का यशवंत क्लब विवादों में घिरता नजर आ रहा है! कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने क्लब पर करोड़ों के टैक्स घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों के मुताबिक, क्लब ने सरकारी नियमों को ताक पर रखकर न सिर्फ टैक्स चोरी की, बल्कि अवैध तरीके से सदस्यता बेचकर भारी गड़बड़ियां भी की। वहीं उन्होंने इसकी शिकायत सीएम डॉ मोहन यादव से भी की है।
राजस्व और नगर निगम के रिकॉर्ड में बड़ा अंतर
कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव के दावे के मुताबिक, यशवंत क्लब के पास कुल 15.09 एकड़ जमीन है, लेकिन नगर निगम में सिर्फ 9.12 एकड़ का रिकॉर्ड दिखाया गया। करीब 5.97 एकड़ जमीन पर बीते 50 साल से टैक्स नहीं चुकाया गया, जिससे अनुमानित 12 से 15 करोड़ रुपए की टैक्स हेराफेरी हुई है।
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व्यवसायिक टैक्स, लेकिन लीज मात्र 6 रुपये प्रति माह?
नगर निगम 30 साल से क्लब से व्यवसायिक संपत्ति कर वसूल रहा है, लेकिन सरकार से दी गई लीज मात्र 6 रुपये प्रति माह की है। आरोप है कि क्लब का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है, जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है। अब बात करते हैं ‘मिस द बस’ योजना की, जिसे कांग्रेस नेता ने एक बड़ा घोटाला बताया है! आरोप है कि इस योजना के जरिए क्लब में मनमाने तरीके से सदस्य बनाए गए और करोड़ों का हेरफेर किया गया।
‘मिस द बस’ योजना के तहत पहले सदस्यता 50,000 रुपए में दी गई, लेकिन बाद में नियम बदल दिए गए। क्लब के सचिव संजय गोरानी ने अपने भाई नरेंद्र गोरानी को मात्र 5 लाख में और उनके बच्चों को 50-50 हजार में सदस्य बना दिया। जबकि नई सदस्य योजना में प्रति सदस्य 30 लाख तक खर्च होने चाहिए थे, लेकिन इस घोटाले से क्लब को 90 लाख का नुकसान हुआ। यही नहीं आरोप है कि क्लब में शेल कंपनियों के जरिए भी अनियमितताएं हुई हैं। आम आदमी को क्लब की सदस्यता के लिए 25 लाख और जीएसटी देना पड़ता है, लेकिन कुछ लोगों को सेल कंपनियों के जरिए सिर्फ 15 लाख में सदस्यता दी गई।
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कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
कांग्रेस नेता ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फिलहाल इस मामले में यशवंत क्लब के पदाधिकारियों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। क्या करोड़ों की टैक्स चोरी और घोटाले की परतें खुलेंगी ? क्या क्लब की लीज रद्द होगी ? ये देखना होगा क्या मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस शिकायत पर किस तरह का एक्शन लेते हुए नजर आते हैं।
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