हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में बढ़ते डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों पर पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। हाल ही में एक स्थानीय निवासी द्वारा महापौर पर निशाना साधते हुए वीडियो वायरल हुआ था, जिससे नगर निगम में हड़कंप मच गया। इसके बाद विकास कार्यों की बैठक में पार्षदों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। 

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पार्षद महेश बसवाल ने अधिकारियों पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा, “सड़क बनाने का काम आपका, ड्रेनेज का पानी रोकने का काम आपका, पर सुनते तो हम लोग हैं। कभी छपता है क्या नाम कमिश्नर का या एडिशनल कमिश्नर का कि उनकी गलती से यह हुआ? हमेशा महापौर जी का नाम छपता है।

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पार्षदों का कहना है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए विकास कार्यों को लापरवाही से अंजाम दे रहे हैं, जिससे शहर में बीमारियों का प्रसार हो रहा है। लेकिन नाम उछाले जाते हैं महापौर और जनप्रतिनिधियों का, जबकि असली जिम्मेदार अधिकारी हैं। इस हंगामे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या पार्षद खुद अपनी जिम्मेदारी निभाने से बच रहे हैं, या फिर सिर्फ अधिकारियों को दोष देकर जनता के सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं?

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