चंकी बाजपेयी, इंदौर। हाईकोर्ट ने वात्सल्यपुरम आश्रम के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही बताते हुए एन जी ओ की याचिका को खारिज कर दिया है। वात्सल्यपुरम’ परिसर चलाने वाली संस्था ‘वात्सल्यपुरम जैन वेलफेयर सोसायटी’ ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।

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12 जून को प्रशासन ने एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान आश्रम से 4 बच्चियां गायब पाई गई थी। जांच में यह भी पाया गया कि एन जी ओ बिना पंजीयन के चल रहा था। एन जी ओ में रह रही बच्चियों पर अत्याचार का मामला भी सामने आया था। 

 लड़कियों ने स्टाफ मेंबर्स पर गंभीर आरोप लगाए थे। अनाथालय में रह रही 4 से 16 साल की 21 लड़कियों ने आरोप लगाया कि उनके कपड़े उतारवाकर लोहे के चिमटे से दागा गया। जबरन लाल मिर्च जलाकर धुएं में रखा गया। यहां तक कि रेलिंग से उल्टा लटका दिया जाता था।

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मामले में विजयनगर थाने में चार केयरटेकर पर मारपीट सहित जेजे एक्ट और पाॅस्को एक्ट की धाराओं में FIR दर्ज किया गया था। आयुषी, सुजाता, सुमन चंदेल, आरती और बबली नामक केयरटेकर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। यह भी बताया गया कि नाबालिग बच्चियों को उल्टा लटका कर मारपीट की किया जाता था। 

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