इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें लोगों को डिजिटल अरेस्टिंग और साइबर अपराधों से बचने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में कहा गया कि लगातार अपना पासवर्ड बदलें और उसे स्ट्रांग बनाएं।

प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट और साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे है। इससे बचने के लिए इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने एक एडवाइजरी जारी है। जिसमें उन्होंने पूछा कि ‘कैलेंडर तो बदल गया है क्या आपने अपना पासवर्ड बदला या नहीं ?’ साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पासवर्ड को हमेशा स्ट्रांग रखना चाहिए। इसे हमेशा कुछ दिनों बाद बदल लेना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार न हो सके।

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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बढ़ रही डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर ठगी और साइबर फ्रॉड के मामलों से बचने के लिए पुलिस लगातार एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्क रहने की अपील करती रही है। इससे पहले भी इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें इन बातों को ध्यान रखने की सलाह दी गई थी।

डिजिटल अरेस्ट साइबर एडवाइजरी

  • किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर स्वयं को FedEx कोरियर सर्विस कंपनी का होना बताए जाने पर जल्दबाजी में कभी भी भरोसा न करें।
  • अनजान व्यक्ति के द्वारा कितना भी भरोसा दिलाने के बाद भी अपनी बैंकिंग एवं निजी जानकारी कभी भी साझा न करें।
  • आपको आपके घर में डिजिटल अरेस्ट या होम अरेस्ट करने का कहने पर अनजान व्यक्ति की बातों में न आए और तुरंत अपने घर के अन्य सदस्यों से जानकारी साझा करें।
  • डिजिटल अरेस्ट के दौरान वीडियो कॉल पर ठग के द्वारा दिखाए गए फर्जी पुलिस ऑफिस एवं पुलिस आईडी पर कभी भरोसा न करें।
  • ठग द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य केस में आपके ट्रांजेक्शन की जांच हेतु, पैसे की मांग करने पर कभी पैसे नहीं भेजे।

डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकार ने विधानसभा में दी थी जानकारी

गौरतलब है कि एमपी विधानसभा शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में सरकार ने डिजिटल अरेस्ट की जानकारी दी थी। जिसमें बताया गया था कि मध्य प्रदेश में 2024 में अब तक 26 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए है। सबसे अधिक राजधानी भोपाल में 13 डिजिटल अरेस्ट के केस दर्ज किए गए। प्रदेश में 12 करोड़ 62 लाख रुपये ठगे गए। वहीं राजधानी में डिजिटल अरेस्ट से करीब 4 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

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एमपी विधानसभा में बताया गया था कि एक साल में ठगी से गंवाई राशि दोगुनी हुई है। वर्ष 2023 में 444 केस दर्ज किए गए थे। जिसमें 45 करोड़ रुपए की ठगी हुई थी। साल 2024 में ऑनलाइन ठगी के 521 के दर्ज किए गए है। जिसमें 94 करोड़ रुपए के करीब की ठगी हुई है।

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