यत्नेश सेन, देपालपुर (इंदौर)। Madhya Pradesh इंदौर के देपालपुर में हिंगोट युद्ध में 15 योद्धा घायल हुए। जिनका मौके पर इलाज किया गया। हिंगोट युद्ध देखने के लिए विधायक भी पहुंचे हुए थे। साथ ही बड़ी संख्या में दर्शक देपालपुर के गौतमपुरा पहुंचे। वहीं सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए।
साल भर दीपावली के दूसरे दिन इंतजार रहता है। परंपरा काल जीवित रखने के लिए कलंगी और तुर्रा दल आपस में बैठते हैं और एक दूसरे पर जलते हुए हिंगोट फेंकते हैं। आज भी इस परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। इस आयोजन का न कोई आयोजक होता है न हीं प्रायोजक उसके बावजूद भी यहां पर स्थानीय प्रशासन पूरी व्यवस्था करता है। आज खेले गए हिंगोट युद्ध में 300 से ज्यादा पुलिस बल व्यवस्था संभाले थे।
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वहीं 4 एंबुलेंस, 2 फायर ब्रिगेड के वाहन और 20 से ज्यादा स्वास्थ्य विभाग का अमला समेत चौकीदार व नगर परिषद के 50 से ज्यादा कर्मचारी लगे थे। हिंगोट युद्ध को देखने के लिए विधायक मनोज पटेल भी पहुंचे। वहीं हर वर्ष 75 से 150 लोग इस युद्ध मे घायल होते थे, लेकिन प्रशासन ने इस बार मैदान के चारों ओर 12-12 फीट ऊंची जाली लगाई थी। जिसके चलते दर्शक घायल नहीं हुए। इस युद्ध में सिर्फ 15 योद्धा घायल हुए, जिनका मौके पर इलाज कर छुट्टी दे दी गई।
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