हेमंत शर्मा, इंदौर। पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले नगर निगम के तीन पार्षदों की मुसीबतें बढ़ सकती है। महिला शहर कांग्रेस की अध्यक्ष ने अधिवक्ताओं के माध्यम से राज्यपाल और प्रमुख सचिव (सीएस) को आवेदन दिया है। मांग की है कि दलबदल कानून के तहत तीनों पार्षदों की पार्षदी रद्द करें। महिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर 7 दिनों में पार्षदी रद्द नहीं होती है तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की जायेगी।

कांग्रेसी पार्षदों द्वारा 25 अप्रैल को मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन की थी। महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता मिमरोट ने राज्यपाल के समक्ष दलबद्ल कानून के तहत तीनों पार्षद शिवम यादव, ममता सूनेर और विनिता मौर्य की पार्षदी निरस्त करने की मांग की है। इस मामले में एडवोकेट जायस गुरनानी का कहना है कि म्युनसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1956 की धरा 17 में लिखा हुआ है स्टेट गवर्नमेंट को ये अधिकार है कि वह किसी भी पार्षद को उसमें कईं कारण डिस्क्राइब है। धारा 17 में यदि वह डिसक्वालिफाइड है। म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट की उसी धारा के तहत राज्यपाल और प्रमुख सचिव को आवेदन दिया और निवेदन किया है कि जिन्होंने दलबदल की राजनीति की है उनकी पार्षदी निरस्त कर उन वार्डों में पुनः चुनाव कराए जाएं।

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