हेमंत शर्मा,इंदौर। मध्यप्रदेश में अफसर ही गजब का कारनामा करते हैं. करप्शन को अंजाम देने नियमों को ही बदल देते हैं. इंदौर जिले की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के रिश्तेदार को टेक्निकल डायरेक्टर बनाने के लिए नियमों में फेरबदल कर दिया गया. 2018 से अब तक टेक्निकल डायरेक्टर की खाली पोस्ट है. 2021 में टेक्निकल डायरेक्टर के लिए आवेदन बुलाए गए थे. जिसमें 17 अधिकारियों ने आवेदन दिए थे. दो अधिकारी फाइनल इंटरव्यू में पहुंचे थे, लेकिन पोस्टिंग ही नहीं हुई.
दरअसल मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 2018 से टेक्निकल डायरेक्टर की पोस्ट खाली है. 2021 में टेक्निकल डायरेक्टर पोस्ट के लिए पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने विज्ञापन जारी किया था. जिसमें 17 अधिकारियों ने अपने आवेदन दिए थे. दो अधिकारी फाइनल इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन मंत्री और अधिकारियों की खींचतान के बीच फिर टेक्निकल डायरेक्टर का पद खाली रहा. 2022 में टेक्निकल डायरेक्टर की पोस्ट के लिए फिर विज्ञापन विद्युत वितरण कंपनी की तरफ से जारी हुआ.
कंपनी के अधिकारियों ने प्रमुख सचिव के रिश्तेदार को टेक्निकल डायरेक्टर बनाने के लिए नियमों में ही फेरबदल कर डाला और जारी किए विज्ञापन की तारीख से 22 दिन पहले 60 साल की उम्र के अंदर के क्राइटेरिया में आने पर ही टेक्निकल डायरेक्टर बनाया जाएगा, ऐसा विज्ञापन में पॉइंट बढ़ा दिया. लेकिन नियम अनुसार विज्ञापन जारी करने की तिथि में ही 60 साल से कम उम्र तक के अधिकारी को मौका दिया जाता है.
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सूत्रों के मुताबिक चीफ इंजीनियर की पोस्ट पर पदस्थ पुनीत दुबे को टेक्निकल इंजीनियर बनाने के लिए अधिकारियों द्वारा पूरी कवायद की गई है. पूरे मामले में जब पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया.
फायदा पहुंचाने नियम में किया फेरबदल
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से पूर्व चीफ इंजीनियर सुब्रतो राय ने बताया कि इस तरह की नियमों में परिवर्तन करने का सीधा कारण है. किसी अधिकारी को फायदा पहुंचाना. टेक्निकल डायरेक्टर की पोस्ट के लिए 60 साल से कम उम्र के अधिकारियों को ही मौका दिया जाता है. उम्र 1 दिन भी ज्यादा होने पर क्राइटेरिया से बाहर कर दिया जाता है. मैंने खुद एक पोस्ट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन 60 साल का क्राइटेरिया क्रॉस होने के कारण मैं सिलेक्ट नहीं हो पाया.
पुनीत दुबे को टेक्निकल डायरेक्टर बनाने की कवायद
विद्युत वितरण कंपनी में 22 सितंबर 2022 को टेक्निकल डायरेक्टर की पोस्ट के लिए विज्ञापन जारी किया. विज्ञापन में साफ शब्दों में लिखा हुआ है कि 1 सितंबर 2022 तक 60 तक की ऐज के अधिकारी आवेदन कर सकते हैं. नियम अनुसार जिस तारीख को विज्ञापन जारी होता है, उस तारीख को 60 साल तक ऐज वाले अधिकारियों को मौका दिया जाता है. अगर नियम अनुसार चलते है तो चीफ इंजीनियर पुनीत दुबे की जन्म तिथि 6 सितंबर 1962 के अनुसार वह 60 साल 16 दिन के पूरे हो जाएंगे. इसीलिए अधिकारियों ने नियमों में फेरबदल कर तारीख को 1 सितंबर 2022 तक 60 साल से कम उम्र का कर दिया. जिसके बाद अब पुनीत दुबे 1 सितंबर 2022 को 59 साल 11 महीने 25 दिन के हो जाएंगे. जिस कारण उन्हें टेक्निकल डायरेक्टर बनने का मौका मिल सकेगा. इस पूरे मामले में ऊर्जा कंपनी के प्रमुख सचिव संजय दुबे के रिश्तेदार होने के कारण उन्हें अधिकारी मलाईदार पद पर बैठाना चाह रहे हैं.
विद्युत वितरण कंपनी को मिलना है 6000 करोड़ का नया प्रोजेक्ट
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 2022 में 1000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं. आने वाले 5 सालों में 6000 करोड़ के और नए प्रोजेक्ट शुरू होना है. जिसमें टेक्निकल डायरेक्टर की अहम भूमिका होगी. इसके साथ आईपीडीएस और अन्य योजना में हुए करोड़ों रुपए के घोटालों को भी दबाया जा सके. इसलिए अधिकारियों को अपना खास आदमी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर बैठाना होगा. ताकि अधिकारी आने वाले समय में लंबे घोटालों को अंजाम देकर शुभ लाभ कर सकें. पूर्व में हुए घोटालों को भी दबाने का काम अधिकारी के द्वारा किया जा सके.
टेक्निकल डायरेक्टर के मुख्य काम
टेक्निकल डायरेक्टर मुख्य रूप से कंपनी के टेक्निकल ऑपरेशन के लिए इंचार्ज होता है. कंपनी के अधोसंरचना नेटवर्क की तकनीकी रूप से जांच करवाकर उचित निर्माण कार्यों को प्रस्तावित कर करवाना, जिसकी तकनीकी हानियों को कम किया जा सके. आम जनता को सस्ती दरों पर उचित गुणवत्ता और वोल्टेज प्रोफाइल की बिजली उपलब्ध कराई जा सके. कंपनी के बिजली अधोसंरचना को सुधारने के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत करवाए जा रहे. निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग करना, कंपनी के उच्च एवं निम्न दबाव लाइनों का वितरण ट्रांसफार्मर और ग्रेड उप केंद्रों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करना. कंपनी के ऐसेट्स की डिजिटल मेपिंग सुनिश्चित करना. कंपनी के बिजली वितरण में हो रही तकनीकी हानियों में ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार कमी सुरक्षित करवाना मुख्य कार्य होते हैं.
इस पूरे मामले में प्रमुख सचिव संजय दुबे के रिश्तेदार पुनीत दुबे को टेक्निकल डायरेक्टर बनाए जाने की कवायद जारी है. लगातार अधिकारी इस पूरे मामले को लेकर छोटे अधिकारियों पर दबाव बनाते नजर आ रहे हैं. जब lalluram.com की टीम ने पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी अमित तोमर से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. लगातार रिपोर्टर हेमंत शर्मा के द्वारा 10 बार कॉल करने के बावजूद भी कोई रिप्लाई नहीं आया. साफ तौर पर समझा जा सकता है कि किस तरीके से अधिकारी पूरे मामले को निपटाने में जुटे हुए हैं.
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