हेमंत शर्मा,इंदौर। इंदौर में इंग्लैंड से आए डॉक्टर के साथ डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी मामले में नया खुलासा हुआ है. कनाडिया पुलिस ने एक आरोपी गिरफ्तार किया है. जिसके पास से मध्यप्रदेश अधिमान्यता प्राप्त राज्यस्तरीय फर्जी प्रेस कार्ड मिला है. जिसे जनसंपर्क कार्यालय ने फर्जी बताया है. आरोपी फर्जी अधिमान्यता का प्रेस कार्ड लेकर लोगों को डराता धमकाता था.
दरअसल पूरा मामला कनाडिया थाना क्षेत्र का है, जहां फरियादी डॉक्टर सुदर्शन भंडारी ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि प्रॉपर्टी व्यापारी गोपाल खंडेलवाल, धीरज यादव, असगर मंसूरी ने प्लाट में निवेश कराने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए की भूमि बेचकर अनुबंध कराया गया था. जिनके द्वारा विभिन्न खातों में इन राशि को जमा कराया गया था.
इसके बाद में फरियादी को एक फर्जी और अनुबंध तैयार कर सौदा निरस्त कर दो फर्जी चेक देकर मामला रफा-दफा करने का प्रयास किया. परिवादी की शिकायत पर पुलिस जांच में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया गया. पुलिस ने एक आरोपी धीरज यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि धीरज यादव एक निजी संस्थान का फर्जी अधिमान्यता का प्रेस कार्ड लेकर लोगों को डराता धमकाता था. पुलिस ने इंदौर जनसंपर्क कार्यालय को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी मांगी, तो जनसंपर्क कार्यालय की ओर से कार्ड फर्जी होना बताया है. इसके साथ ही फर्जी दस्तावेज रखने की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए जनसंपर्क ने पत्र भी जारी किया. पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी दस्तावेज अनुबंध जब्त किए हैं. फिलहाल पुलिस धोखाधड़ी के मामले में फरार अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.
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