यत्नेश सेन, इंदौर (देपालपुर)। Hingot Yudh: दीपावली के दूसरे दिन धूप पड़वा पर प्रसिद्ध हिंगोट युद्ध शुरू हो गया है। इंदौर के गौतमपुरा में रुणजी और गौतमपुरा के तुरा और कलंगी दल के योद्धाओं ने एक दूसरे पर आग के गोले फेंके। इस दौरान दोनों दल अग्नि बाण के वार करते हुए नजर आए।
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हिंगोट युद्ध के दौरान करीब 40 लोग घायल हो गए। वहीं चार से अधिक लोगों को गंभीर चोट आई है। इस दौरान पुलिस प्रशासन और अधिकारियों ने व्यवस्था की। जहां मंच पर राकेश मोहन त्रिपाठी एवं मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर वंदना केसरी मौजूद रहीं। इस युद्ध को देखने के लिए क्षेत्रीय विधायक मनोज पटेल एवं कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
क्या है हिंगोट युद्ध?
हिंगोट युद्ध इंदौर से 55 कि.मी. दूर गौतमपुरा शहर में होता है यह दीपावली के एक दिन बाद (पड़वा) के रोज खेला जाने वाला पारंपरिक ‘युद्ध’ है। इस युद्ध में प्रयोग होने वाला ‘हथियार’ हिंगोट है जो हिंगोट फल के खोल में बारूद, भरकर बनाया जाता है। इस युद्ध मे दो दल आमने सामने होते हैं एक तरफ तुर्रा दल तो दूसरी ओर कलंकी दल होता है। इस युद्ध में किसी दल की हार-जीत नहीं होती लेकिन सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
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