हेमंत शर्मा,इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर आज शाम 7 बजे सबसे पहले राजबाड़ा चौक पर होलकरकालीन परंपरा के तहत होलिका दहन किया गया. होलकर राजवंश के युवराज यशवंत राव होल्कर तृतीय और रिचर्ड होलकर शिवाजी राव ने होलिका दहन किया. वे 15 साल बाद होली दहन में शामिल होने इंदौर पहुंचे है. अब से जगह-जगह कंडों और लकड़ी से बनी होली जलाई जाएगी.
राजबाड़ा पर होलिका दहन की परंपरा 1728 में शुरू हुई थी. 294 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के दौरान समय के साथ कुछ बदलावों हुए है, लेकिन बाकी सब कुछ उसी तरह होता है, जैसा तब राजपरिवार के सदस्य करते थे. होलकर राजवंश के युवराज यशवंत राव होल्कर तृतीय और रिचर्ड होलकर शिवाजी ने इस परंपरा का निर्वहन किया.
युवराज यशवंत 15 साल बाद इंदौर में होली दहन में पहुंचे, जहां 7 फीट ऊंची होलिका को 1100 कंडों और घास की पिंडी से सजाया गया था. मोर पंख, चवर, थाली और भगवान गणेश की प्रतिमा सहित चांदी के 10 बर्तन लाए गए और उनसे पंडित ने पूजन किया. ट्रस्ट के सदस्यों के बाद महिलाओं ने इसकी पूजा की और ठीक सात बजे होलिका दहन किया गया. मान्यता है कि इस होली में शामिल होने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें