हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर मेंअजीब फरमान जारी किया है। जिसमें नदी और नालों के पानी के प्रवाह के लिए चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है। इसके लिए कई लोगों को 100 फ़ीट तक निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया है। जिसके विरोध में आज बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। अपना घर बचाव समिति के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मकान का उचित मुआवजा न देकर और उचित व्यवस्था न कर उन्हें हटाया गया तो वे आमरण अनशन करेंगे। 

इंदौर में प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेशों के खिलाफ अपना घर रक्षा समिति ने विरोध प्रदर्शन किया। समिति के नेतृत्व में पीड़ित नागरिकों ने मां अहिल्या की प्रतिमा के पास धरना दिया और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिखा है, कलेक्टर द्वारा पानी की धाराओं को नदी बताते हुए और के NGT के निर्देश का हवाला देकर धाराओं के दोनों और 100 फीट तक निर्माण हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके विरोध में पीड़ितों ने राजवाड़ा पर मां अहिल्या के चरणों में ज्ञापन सौंपा है। 

नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कड़ी मेहनत से अपने घर और दुकानों का निर्माण किया है। और अब प्रशासन बिना उचित मुआवजे और पुनर्वास के उन्हें हटा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि प्रशासन की इस कार्रवाई से गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। अपना घर रक्षा समिति ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस आदेश को वापस लें और प्रभावित लोगों को मुआवजा और पुनर्वास की उचित व्यवस्था करें। अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो आने वाले समय में अपना घर रक्षा समिति के बैनर तले बड़ी संख्या में लोग आमरण अनशन पर बैठेंगे। 

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