हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में पास्को एक्ट को लेकर जिला कोर्ट ने टिप्पणी की है. कार्ट ने कहा कि पास्को एक्ट का दुरुपयोग हुआ है. 5 साल पहले नाबालिग लड़की ने सर्राफा थाने में छेड़छाड़ की झूठी एफआईआर दर्ज करवाई थी. कोर्ट की सुनवाई के दौरान पूरे मामले का खुलासा हुआ है.
एडवोकेट कृष्ण कुमार कुमारी ने बताया कि मामला 2017 का है. वंशी माधवानी पर 15 साल की नाबालिग लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने पीड़िता के बयान के बाद पास्को एक्ट और छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी को सुनवाई के बाद कोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन 5 साल बाद पूरे मामले में बड़ा खुलासा हुआ. पीड़िता ने कोर्ट के समक्ष माना की दबाव में आकर पीड़िता ने मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए वंशी माधवानी को बरी कर दिया.
मामा के कहने पर लिखाई थी झूठी रिपोर्ट
पीड़िता ने कोर्ट के समक्ष बयान देते हुए कहा मामा का विवाद मामी से घरेलू हिंसा का चल रहा था. जिसके बाद मामी ने मामा पर घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज कराया था. वंशी माधवानी पूरे मामले में मामी की मदद कर रहा था. जो कि मामा को पसंद नहीं आया. जिसके बाद मामा ने पीड़िता पर दबाव बनवाकर इंदौर के सर्राफा थाने में 2017 में मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें पीड़िता ने कहा कि वह 9वीं कक्षा में पढ़ती है. उसके साथ वंशी माधवानी ने छेड़छाड़ की थी. जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था.
पुलिस जांच पर भी उठे सवाल
नाबालिग के एफआईआर के बाद जांच अधिकारी नरेंद्र ने कोर्ट के समक्ष चालान पेश किया था. चालान के साथ दस्तावेज में नाबालिI लड़की आठवीं तक पढ़ी है. जबकि एफआईआर में लड़की ने 9वीं कक्षा में पढ़ाई करना बताया था. पुलिस ने पूरे मामले में बारीकी से जांच ना करते हुए मामले को टाल कर चालन डायरी कोर्ट में पेश कर दी. जबकि पास्को एक्ट के मामले में सभी चालन डायरियों पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की नजर और मार्गदर्शन रहता है. पास्को एक्ट के इस मामले में ना किसी वरिष्ठ अधिकारी ने ना ही थाना प्रभारी ने ध्यान दिया.
कोर्ट ने टिप्पणी- पास्को एक्ट का हुआ दुरुपयोग
इंदौर जिला कोर्ट के सेशन जज विशेष न्यायाधीश पवन श्रीवास्तव ने फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पास्क ऐक्ट का सीधा-सीधा दुरुपयोग है. पुलिस के चालान के साथ लगे दस्तावेजों और प्राचार्य के बयान से यह साफ है कि नाबालिग आठवीं कक्षा ताकि पड़ी है. नाबालिग की मां भी कोर्ट में बयान देने नहीं पहुंची.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक