इंदौर। शहर के इंडेक्स हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने एक कठिन ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर एक महिला के शरीर से 23 सेमी और 1.5 किलो वजन का ट्यूमर निकाला। 41 वर्षीय महिला, जो इंदौर की निवासी है, पिछले कुछ दिनों से पेट दर्द की शिकायत कर रही थी और कई अस्पतालों में इलाज कराने के बाद भी उसे राहत नहीं मिली थी। आखिरकार, उसने इंडेक्स अस्पताल में ऑपरेशन का निर्णय लिया।

डॉ. अनिता इनानी माहेश्वरी ने मरीज की सोनोग्राफी, एमआरआई और खून के साथ विभिन्न जांचें कीं। जांचों से पता चला कि मरीज के पेट में 21 बाय 19 बाय 12 सेंटीमीटर का ट्यूमर है, जो किडनी और मोटी खून की नस से चिपका हुआ है, जो सीधे दिल को रक्त की आपूर्ति करती है। लगभग 3 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद, डॉक्टरों ने बिना किसी ब्लड लॉस के 23 सेमी का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाल लिया। ऑपरेशन के दौरान किडनी और मोटी खून की नस को भी फटने से बचा लिया गया। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है।

डॉ. अनिता इनानी माहेश्वरी ने बताया कि, पिछले 24 वर्षों से वह सर्जरी कर रही हैं, लेकिन इस तरह के जटिल ट्यूमर कम ही मिलते हैं। शरीर के इस हिस्से में 1 प्रतिशत से भी कम मरीजों में इस तरह का ब्रॉड लिगामेंट फाइब्रॉएड ट्यूमर मिलता है। इंडेक्स अस्पताल में उनकी टीम ने विश्व में मिलने वाले सबसे दुर्लभ 23 सेमी और 1.5 किलो वजनी इस बेनाइन ट्यूमर का सफल और निःशुल्क ऑपरेशन किया।

डॉ. अनिता इनानी के साथ इस जटिल ऑपरेशन में डॉ. प्रियंका राठौर, डॉ. गौरव सक्सेना, यूरोलॉजिस्ट डॉ. निलेश गुरु, पीजी डॉ. उर्विजा, डॉ. अश्विनी, डॉ. शिल्पी और एनेस्थिसिया की टीम शामिल थी। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलता पूर्वक करने पर डॉक्टरों की टीम की सराहना भी की।

डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि इस तरह के ट्यूमर से मरीज को जान का खतरा भी होता है। कई बार यह कैंसर के ट्यूमर में बदल सकता है। बड़ी आंत सहित शरीर के मुख्य अंगों के साथ किडनी, यूरेटर और दिल को खून सप्लाई करने वाली नसों से चिपका होने के कारण नस फटने का जोखिम अधिक रहता है। इन स्थितियों में यह सर्जरी करना काफी जटिल होता है।

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