हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर का ऐसा रुतबा है कि एडिशनल पुलिस कमिश्नर तक की नहीं सुन रहे है। जिसके चलते महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई का एक फरियादी 6 महीने से परेशान हो रहा है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने की धमकी तक दे चुके हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आइए जानते है कि आखिर मामला क्या है…

दरअसल, मामला इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र का है। जहां मुंबई में रहने वाले दिनेश शाह ने 2011 में पुखराज सिटी में बिल्डर राजेंद्र चोपड़ा, सुरेश चोपड़ा और जितेंद्र चोपड़ा से फ्लैट खरीदा था। 2019 तक फ्लैट का पूरा पेमेंट फरियादी ने कर दिया, लेकिन बिल्डरों ने फ्लैट नहीं दिया और यह फ्लैट किसी और को 38 लाख रुपए में बेच दिया। जिसके बाद से दिनेश शाह पुलिस अधिकारियों के लगातार चक्कर काट रहे हैं।

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मामला एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने सब इंस्पेक्टर संदीप बैस को बुलाकर फटकार तक लगा दी। एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने यहां तक कह दिया कि अगर तुमने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कि तो सस्पेंड कर दूंगा, कोई नहीं बचाएगा। इसके बावजूद भी फरियादी की FIR दर्ज नहीं की गई। इस पूरे मामले में फरियादी दिनेश शाह का कहना है थाना प्रभारी नीरज मीना ने बिल्डर से मोटी रकम ले ली है, जिसके कारण वह हमारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हमारे द्वारा पूरा पैसा बैंक अकाउंट पर दिया गया है। थाने पर हम कई समय से चक्कर लगा रहे हैं और पुलिस वाले बिल्डर से सेटलमेंट करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

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ऐसे में फरियादी ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी और पुलिस कमिश्नर तक की है। फरियादी के पास बिल्डर की बातचीत की और एडिशनल पुलिस कमिश्नर की बातचीत की सभी रिकॉर्डिंग उपलब्ध हैं, जिसे फरियादी ने Lalluram.com को भी उपलब्ध करवाई हैं। खबर लिखे जाने तक फरियादी की एफआईआर आजाद नगर थाने में दर्ज नहीं हुई थी।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने कही ये बात

वहीं इस पूरे मामले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह का कहना है फरियादी ने पैसा दिया है या फिर इसने प्रॉपर्टी खरीदी है, इसकी इनके पास एक डायरी उपलब्ध है जिसकी जांच करवाई जा रही है। फिलहाल मामले में जांच के बाद FIR की जाएगी। इस पूरे प्रकरण में फरियादी ने 2011 से 2019 तक किश्तों में पैसा दिया है। इसका कोई रजिस्टर्ड एग्रीमेंट उपलब्ध न होने के कारण जो डायरी फरियादी के पास उपलब्ध है उसी के आधार पर जांच की जाएगी और जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी वह की जाएगी।

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