पटना: बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आज शुक्रवार (11 जुलाई) को पटना में प्रेस वार्ता कर बताया कि, गुरुवार को रांची में केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में नदियों के जल बंटवारे को लेकर तीन बड़े फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों से राज्य में कई वर्षों से अटकी जल परियोजनाएं आगे बढ़ सकेंगी और जल प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी।

बैठक में लिए गए ये 3 बड़े फैसले

मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि, सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बराज से जुड़ा वर्षों पुराना विवाद अब सुलझ गया है। इसके बाद इंद्रपुरी जलाशय योजना को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। यह योजना बिहार के कई जिलों में सिंचाई की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगी।

दूसरा महत्वपूर्ण फैसला पश्चिम बंगाल के फुलवरिया ब्रांच से जुड़ा है। मंत्री ने कहा कि, इस परियोजना के अधूरे काम अब प्राथमिकता के आधार पर पूरे किए जाएंगे। इससे बिहार और बंगाल की सीमा से लगे इलाकों में जल आपूर्ति और कृषि व्यवस्था में सुधार होगा।

बैठक में यह भी तय हुआ कि नदियों में गाद (सिल्ट) की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति लाएगी। इससे बाढ़ नियंत्रण और नदियों की जलधारिता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पेंशन विवाद पर भी समाधान की उम्मीद

मंत्री विजय चौधरी ने यह भी जानकारी दी कि बिहार और झारखंड के बीच कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ा विवाद भी जल्द सुलझ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर एक कमेटी बनाई है, जो 15 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि, यह बैठक बिहार के लिए बहुत अहम रही। इससे राज्य की कई पुरानी समस्याएं सुलझने की उम्मीद है।

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