लखनऊ. पांच भारी-भरकम एक्सप्रेस-वे के बाद छह नए एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी में जुटा उत्तर प्रदेश देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की योजनानुसार ये नए एक्सप्रेस वे पूरे प्रदेश के एक-एक जिले को आपस में सीधे कनेक्ट करेंगे बल्कि पड़ोसी राज्यों से संपर्क के मामले में भी बेहतर हो जाएंगे. ये जानकारी औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दी.

बता दें कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि देशभर के कुल एक्सप्रेसवे का 50 फीसदी हिस्सा अकेले उत्तर प्रदेश में होने का लक्ष्य तय किया गया है. पांच एक्सप्रेसवे के बाद प्रस्तावित छह नए एक्सप्रेस वे इस लक्ष्य को पूरा कर देंगे. अभी प्रदेश में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेसवे हैं. इनमें गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे निर्माणाधीन हैं.

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इसी के साथ प्रयागराज-वाराणसी एक्सप्रेसवे (110 किलोमीटर), मेरठ से हरिद्वार एक्सप्रेसवे (110 किलोमीटर), शाहजहांपुर-बरेली होते हुए रामपुर, रूद्रपुर उत्तराखण्ड सीमा तक एक्सप्रेसवे, चित्रकूट से प्रयागराज एक्सप्रेसवे, झांसी लिंक एनएच-27 से बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे और चित्रकूट से मिर्जापुर तक विंध्य एक्सप्रेसवे और लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे (63 किलोमीटर) का निर्माण प्रस्तावित है. नंदी ने बताया कि वर्तमान में देश के कुल एक्सप्रेसवे का 37.7 फीसदी एक्सप्रेसवे अकेले यूपी में है. छह नए प्रस्ताव के बाद ये हिस्सेदारी 50 फीसदी हो जाएगी.