लखनऊ. औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अफसरशाही की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने स्मार्टफोन की जगह टैबलेट की खरीद पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि वित्तीय वर्ष के अंत में बदलाव होने से 3100 करोड़ का बजट लैप्स हो गया था. लेकिन विभाग का दावा है कि सब कुछ ऑन द रिकॉर्ड है.
मंत्री ने सीएम को लिख कर स्मार्टफोन की जगह टैबलेट्स की खरीदी, लीडा के मास्टरप्लान में बदलाव और एक कंपनी को एफडीआई नीति के तहत दी गई सब्सिडी पर सवाल उठाए हैं. वहीं विभाग का कहना है कि सभी संशोधनों में प्रकिया का पालन किया गया है और शीर्ष स्तर की अनुशंसा के बाद ही उनमें बदलाव किया गया है. प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे गए हैं. मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद ही ये लागू होंगे.
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नंदी के पत्र के मुताबिक 22 जनवरी 2025 को कुंभ में कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि 25 लाख स्मार्टफोन छात्रों को दिए जाएंगे. लेकिन, पांच महीने बाद अचानक स्मार्टफोन की जगह टैबलेट खरीदे जाने का प्रस्ताव विभाग ने रख दिया, जबकि उस समय 7.18 लाख टैबलेट और 1.04 लाख स्मार्टफोन वितरित नहीं हुए थे. स्मार्टफोन की मांग 27 लाख और टैबलेट्स की करीब 7 लाख है.
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