नई दिल्‍ली। पहले एक्स-ब्वायफ्रेंड जय अनंत देहाद्राई का सीबीआई को पत्र, फिर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का लोकसभा स्पीकर और सीबीआई को पत्र और अब उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हीरानंदानी ने माना कि उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी के बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा का इस्‍तेमाल किया.

उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में हलफनामा में स्वीकार किया कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम और शर्मिंदा करने के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा. पीएम की बेदाग प्रतिष्ठा ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया. यही कारण है क‍ि ऐसा क‍िया गया. उन्होंने बताया कि सांसद महुआ मोइत्रा ने जरूरत पड़ने पर उनकी ओर से सीधे सवाल पोस्ट करने के लिए अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया था.

सवाल पूछने के बदले महुआ ने रखे ढेरों डिमांड

दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया कि महुआ ने सवाल पूछने के बदले काफी डिमांड रखीं थीं. इनमें महंगे लग्‍जरी आइटम, दिल्ली में उनके आवंटित बंगले के रेनोवेशन में सहायता, सफर और छुट्टियों का खर्च शामिल था. इसके अलावा भारत के भीतर और दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में यात्राओं के लिए लॉजिस्टिकल मदद भी ली गई थी.

राहुल गांधी के संपर्क में थी महुआ

हीरानंदानी ने बताया कि महुआ मोइत्रा राजनीति में तेजी से तरक्की चाहती थीं. तेजी से तरक्की के लिए उन्होंने पीएम मोदी को निशाना बनाया. पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए अदाणी को टारगेट किया. मोदी-अदानी को टारगेट करने के लिए महुआ मोइत्रा लगातार राहुल गांधी के संपर्क में थीं.

देसी-विदेशी मीडिया का लिया सहारा

हीरानंदानी ने अपने शपथ पत्र में फाइनेंसियल टाइम्स, बीबीसी, न्यूयॉर्य टाइम्स के साथ भारतीय मीडिया हाउस का साथ लेने की बात कही है. यही नहीं अडानी को टारगेट करने के लिए महुआ की पत्रकार सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ भी मदद कर रहे थे. वहीं सांसद शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा ने भी मदद की.

सरकार ने दर्शन के सिर पर रखा बंदूक

दर्शन हीरानंदानी के आरोपों पर महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया आई है. उन्‍होंने कारोबारी के दावों को खारिज किया है. टीएमसी सांसद ने कहा है कि सरकार ने दर्शन हीरानंदानी के सिर पर बंदूक रखकर उनका कारोबार बंद करने की धमकी दी. उन्हें सीबीआई या आचार समिति की ओर से नहीं बुलाया गया है. वह इसे अपने आप क्यों लिखेंगे? पीएम मोदी ने उन्हें और उनके पिता के कारोबार को बंद करने की धमकी दी है. हर राज्य में उनका भारी निवेश है. उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया.