रायपुर. वाणिज्य और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने सोमवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में उद्योग विभाग की पहली समीक्षा बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अलावा राज्य में उद्योगों की स्थापना स्थानीय जनता को विश्वास में लेकर की जाएगी. लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की नई उद्योग नीति निश्चित रूप से रोजगारमूलक होगी. लखमा ने बैठक में कहा कि ऐसे उद्योगों की स्थापना की जानी चाहिए, जिनमें अधिक से अधिक से स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, संसाधनों का संतुलित दोहन हो और स्थानीय पर्यावरण का संतुलन भी बना रहे. बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उद्योग मंत्री लखमा का स्वागत किया.

लखमा ने कहा कि उद्योगों लगाने के दौरान यह ध्यान रखा जाए कि निजी जमीनों का अधिग्रहण कम से कम हो. उन्होंने कहा कि जिस जिले में उद्योग की स्थापना हो वहां पर जिला स्तर की बैठक आयोजित करें और समस्त स्थानीय जनप्रतिनिधियों आमंत्रित करें और उनकी सुझावों को शामिल करें. लखमा ने कहा कि प्रदेश की नई औद्योगिक नीति रोजगारमूलक-जनोन्मुखी हो और हमारे प्रदेश के संसाधनों के अनुकूल हो. उन्होंने कहा कि जन घोषणा पत्र के अनुरूप पूरे प्रदेश में 200 फुडपार्क की स्थापना की जानी है. इसके लिए विकासखण्ड स्तर में विशेष कार्ययोजना बनाई जाए.

लखमा ने कहा कि बस्तर के दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर इत्यादि जिलों में विशेष रूप से कृषि आधारित उद्योगों सहित अन्य उद्योग भी लगाया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले. बैठक में अधिकारियों ने लखमा को विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए समय-समय पर प्रदेश के बाहर और विदेशों में भी उद्योग-मेले जैसे आयोजन किए जाते हैं, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश हों और युवाओं को रोजगार मिले. समीक्षा बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव एवं संचालक अनुराग पाण्डे, सीएसआईडीसी के चेयरमेन अरूण प्रसाद, विशेष सचिव मौजूद थे.