रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा द्वारा लगाये जा रहे तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी सरकार किसान,गरीब और मजदूरों के हित में लगातार काम कर रही है,जिससे कांग्रेस के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है और उन्हें लगने लगा है कि कांग्रेस जो कहती है,वो करती है. उन्होनें लल्लूराम डॉट कॉम से खास बातचीत में वादाखिलाफी पर लग रहे आरोपों पर कहा कि डॉ रमन को बंगला खाली करने में 40 दिन का समय लगा था और वो हमसे दो महीने में सभी वादा पूरा करने की बात करते हैं. लल्लूराम डॉट कॉम ने तमाम राजनीतिक मामलों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विस्तृत बातचीत की. पढि़ये पूरी बातचीत और देखिये इंटरव्यू का वीडियो..

सवाल- आप लगातार दौरे कर रहें हैं,किस तरह का माहौल देखते हैं,खास तौर पर जब पिछले तीन लगातार लोकसभा चुनाव में आप 10-1 से पिछड़ते थे.

भूपेश बघेल- पांच साल से हम लगातार संघर्ष कर रहें हैं,संगठन के माध्यम से लोगों की समस्याओं के लिये लड़ रहें हैं. विधानसभा चुनाव में हमने किसानों से,गरीबों से,आदिवासियों से जो वादा किया था,उन सभी को पूरा किया है.इसलिये आम लोगों का विश्वास हमारे प्रति बढ़ा है और उनका लगने लगा है कि कांग्रेस सरकार जो कहती है,वह करती है.जो कहा सो किया.

सवाल- किसानों से किये गये वादे पूरा करने के बाद ग्रामीण इलाकों में किस तरह का माहौल है.

भूपेश- प्रदेश में पहली बार किसान चिंतामुक्त हैं.लोग कहते थे कि किसान कर्ज में पैदा होता है और कर्ज में ही मर जाता है,लेकिन इस बार किसान निश्चिंत है और कर्जा का कोई दबाव नहीं है.बल्कि उपर से उनके धान की खरीदी 2500 रुपये क्विंटल में हुई.आज हमारे अन्नदाता बेहद प्रसन्न हैं और उनकी खुशी मेरे लिये उपलब्धि है. किसी भी सरकार के लिये ये बड़ी उपलब्धि है कि उसके बहुसंख्यक नागरिक निश्चिंत हैं,खुश हैं और उनका परिवार खुश है.

सवाल- शहरी इलाकों में अब राष्ट्रीय मुद्दों की ज्यादा चर्चा हो रही है,इसे कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं.

भूपेश- देखिये राष्ट्रीय मुद्दों के आधार पर भी यदि मतदान होता है,तो 2014 में नरेन्द्र मोदी क्या बोलकर सत्ता में आये थे. उन्होंने अच्छे दिन की बात की थी,विदेश से काला धन लाने की बात,सबको 15 लाख रुपये देने की बात,दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात,बुलेट ट्रेन चलाने की बात,नमामि गंगे की बात..ये सारी बातें कही थी,लेकिन कुछ हुआ क्या. उल्टा नोटबंदी और जीएसटी से लोग परेशान हो रहे हैं. काला धन लाने के मामले में कुछ नहीं हुआ.तो राष्ट्रीय मुद्दे पर भी मतदान होता है,तो ये भाजपा के पक्ष में नहीं होगा.

सवाल- भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा,हिन्दूत्व जैसे मुद्दों को उछाल रही है,क्या इसका भाजपा को फायदा मिलेगा?

भूपेश- भाजपा हमेशा नान ईशु पर चर्चा करती है,आम जनता से जुड़े मुद्दे पर चर्चा नहीं करती,भाग जाती है.विकास के नाम पर वोट मांगा था, लेकिन अब उसकी चर्चा नहीं करते. जनता सब देख रही है,समझ रही है और देखियेगा जब शहर की जनता भी मतदान करेगी,तो वह भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेगी.

सवाल- आपने आय पर चर्चा शुरु की है,यह चाय पर चर्चा की नकल तो नहीं है.

भूपेश- वो तो चाय वाला बनके चाय पर चर्चा किया था,हम लोग न्याय पे,आय पे चर्चा कर रहें हैं कि कैसे लोगों की आय बढ़े.कांग्रेस की सरकार आयेगी तो कैसे किसानों को,मजदूरों को,गरीबों को,व्यापारियों को न्याय मिलेगा,इस पर हम चर्चा कर रहें हैं. हमारी सरकार बनने पर गरीबों को 72000 रुपये वार्षिक दिया जायेगा,जिस पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का खर्च आयेगा.हम किसानों के लिेय ऋण माफी से ऋण मुक्ति की तरफ बढ़ेंगे.केन्द्र और राज्य सरकार में लंबे समय से रिक्त पदों को भरा जायेगा.

सवाल- भाजपा का आरोप कि आपने वादा पूरा नहीं किया. शराबबंदी,बेरोजगारी भत्ता,कर्ज माफी जैसे वादे पूरे नहीं किये.

भूपेश- हमारी सरकार को काम करने के लिये केवल दो महीने का समय मिला है,फिर भी हमने आधे से ज्यादा वादों को पूरा कर दिया है. ये लोकसभा चुनाव है और हमने वादे पांच साल के लिये किये थे.आने वाले दिनों में सभी वादों पर अमल होगा. भाजपा का ये आरोप उनकी बौखलाहट का नतीजा है.15 साल तो वो कुछ कर नहीं पाये और वो हमसे दो महीनें में इतनी उम्मीद कर रहें हैं. डॉ रमन को बंगला खाली करने में 40 दिन का समय लगा था और हमको कहते हैं कि दो महीने में सब कुछ कर डालो.

सवाल- आपने अपना नाम छोटा आदमी भूपेश बघेल रख लिया है,इसकी क्या वजह है.

भूपेश- डॉ रमन सिंह ने मुझे छोटा आदमी कहा है और सही बात है हम किसान के बेटे हैं,खेती किसानी से जुड़े हुए हैं और मैं बड़ा होना भी नहीं चाहता.मैं छोटा ही रहना चाहता हूं और किसानों के बीच,गरीबों के बीच रहकर उनकी सेवा करना चाहता हूं.उनके जीवन स्तर में सुधार करना चाहता हूं. वो बड़े आदमी हैं,उनको मुबारक.

सवाल- नरवा,गरुवा,घुरुवा अउ बारी योजना का भाजपा द्वारा उपहास उडाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह योजना असफल ही रहेगी.

भूपेश- देखिये ये गांव की समस्या है और भाजपा वालों को गांव की समस्या समझ में नहीं आयेगी.वो गाय के नाम पर वोट मांग सकतें हैं, लेकिन गाय की सेवा नहीं कर सकते.उसकी व्यवस्था नहीं कर सकते. ये हम लोग कर रहें हैं.पानी,मवेशी और कम्पोस्ट खाद की गांव में व्यवस्था कर रहें हैं,जिससे कृषि लागत कम हो,गांव में रोजगार मिले,दुग्ध उत्पादन बढ़े.हमारे इस अभियान से गांव में समृ्द्धि और खुशहाली आयेगी,लेकिन ये बातें भाजपा नेताओं को समझ में नहीं आने वाली,वो हंसते हैं तो हंसते रहें,हम इस दिशा में अपना काम करेंगे.

सवाल- पिछली सरकार में कृषि क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र के बीच टकराव की स्थिति दिखती थी,आप इन दोनों क्षेत्र के बीच कैसे सामंजस्य करेंगे.

भूपेश- भूमि अधिग्रहण कानून का सही ढंग से पालन नहीं होने से किसान अपने को ठगा महसूस करते हैं. उन्हें जमीन अधिग्रहण के बदले चार गुना मुआवजा मिलना चाहिये और यदि ऐसा होने लगेगा,तो किसान देश के विकास में खुशी खुशी सहयोग करेगा. वहीं दूसरी ओर उद्योगों को भी उचित वातावरण मिलेगा.दोनों के हितों का बराबरी से ध्यान देने पर यह समस्या नहीं आयेगी.

सवाल- नये चेहरों की बदौलत आपने विधानसभा में भारी सफलता हासिल की थी,अब भाजपा ने लोकसभा में नये चेहरों पर दांव लगाते हुए सभी सांसदों के टिकट काट दिये.भाजपा को अपने इस नये प्रयोग का फायदा तो नहीं मिल जायेगा.

भूपेश- देखिये कांग्रेस ने भी नया चेहरा उतारा है.पुराना चेहरा कोई है,तो वह केवल सरगुजा से खेलसाय सिंह हैं.दोनों ही पार्टी ने नये चेहरे उतारे हैं,लेकिन फर्क ये है कि कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की पसंद को तरजीह दी है,वहीं भाजपा के प्रत्याशी थोपे गये हैं. ये उनका अंदरूनी मामला है,इस पर मुझे नहीं बोलना चाहिये,लेकिन हकीकत ये है कि उनके प्रत्याशी थोपे गये हैं,इसलिये वे सफल नहीं होंगे.

सवाल- भाजपा ने आपके चारों सलाहकारों के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है कि ये शासकीय पद में होते हुए भी चुनाव प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन कर रहें हैं.

भूपेश-  देखिये भाजपा वाले तो कलेक्टरों के भरोसे चुनाव लड़ते थे,संविधान की शपथ लेते थे.ये तो मनोनीत किये हुए लोग हैं.भाजपा ने तो अधिकारी और कर्मचारियों का भरपूर राजनीतिक उपयोग किया है,अब क्या वे हमें सीख देंगे.भाजपा की इस झल्लाहट का मतलब ये है कि वे चुनाव हार रहें हैं.

सवाल- नक्सली हमले में भाजपा विधायक की मौत पर राजनीतिक साजिश की संभावना जताते हुए भाजपा ने आप पर सीबीआई जांच नहीं कराने का आरोप लगाया है.

भूपेश- ये जरुरी नहीं है कि वो जो कहें,वो हम करें. आचार संहिता लगने के कारण चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है. 9 अप्रेल की घटना के बाद हमने 10 अप्रेल को घटना की न्यायिक जांच के लिये चुनाव आयोग से अनुमति ली है और हम न्यायिक जांच करायेंगे. लेकिन इन लोगों को सब्र नहीं है.हम कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे और हमने किया है.

सवाल- नक्सल मोर्च पर विफलता का आरोप लग रहा है,डॉ रमन ने कहा कि भूपेश किस मध्यस्थ के माध्यम से नक्सलियों से चर्चा कर रहें हैं. नक्सल समर्थक होने का आरोप भी लग रहा है.

भूपेश- ये लफ्फाज लोग हैं,लफ्फाजी करने से इन्हें कोई गुरेज नहीं है.मुझे बहुत दुख होता है.मैने कब कहा था कि मैं नक्सलियों से बात करूंगा.मैने कहा था कि मैं पीडित आदिवासियों से,स्थानीय लोगों से और पत्रकारों से बातचीत करूंगा. इन सभी से बातचीत करने मैं खुद जाऊंगा,इसमें मध्यस्थों की क्या जरुरत है.वो 15 सालों में कुछ नहीं कर पाये और इसकी खीझ हम पर उतार रहें हैं. नक्सलियों से तो उनकी सांठगांठ है.झीरम घाटी की जांच क्यों नहीं कराये,हमको जांच कराने में सहयोग क्यों नहीं दे रहें हैं.तो षडयंत्र तो उनका है,सांठगांठ उनका है.हम तो पूरा सुरक्षा दे रहें हैं,नक्सलियों से किसी तरह का बातचीत नहीं करेंगे.

सवाल- जोगी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से अपने को अलग कर लिया है,इसके क्या मायने हैं.

भूपेश- उन्हें पिछला चुनाव भाजपा ने लड़वाया था और फंडिग की थी,लेकिन इससे भाजपा और बसपा को नुकसान हो गया और जोगी कांग्रेस को फायदा हो गया. अब जनता समझ चुकी है,इसलिये भाजपा ने सहयोग करना बंद कर दिया,तो उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया.

सवाल- क्या जोगी कांग्रेस के विधायक कांग्रेस में शामिल होने के लिये आपसे संपर्क कर रहें हैं.

भूपेश- हम विधायक तोड़ने में विश्वास नहीं करते,क्योंकि पहले जिसने तोडफोड किया उसको नुकसान हुआ. जोगी ने विधायक तोडा,उस समय कांग्रेस को नुकसान हुआ.रामदयाल उइके को भाजपा ने तोडा,उनको नुकसान हुआ.इसलिये हम जोगी कांग्रेस के विधायकों को अपनी पार्टी में नहीं लेंगे और वैसे भी हमारे पास 68 विधायक हैं और विधायक लेकर हम क्या करेंगे.हमको किसी बाहरी विधायक की जरुरत नहीं है.

सवाल- क्या जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी के प्रयास हो रहें हैं.

भूपेश- जोगी परिवार के कांग्रेस के दरवाजे हमेशा हमेशा के लिये बंद हो चुके हैं.अब उनका कोई चांस नहीं है,कांग्रेस में आने का.़

सवाल- विधानसभा चुनाव से पहले सामूहिक नेतृत्व की बात हुई थी,लेकिन अब पूरे फैसले सीएम अकेल लेते हैं. ट्रांसफर को लेकर विपक्ष का आरोप है कि सीएम ट्रांसफर उद्योग चला रहें हैं.

भूपेश-68 विधायक मिलकर सरकार चला रहें हैं,सामूहिक नेतृत्व से सरकार चल रही है.विभागीय मंत्रियों के प्रस्ताव पर ही ट्रांसफर किया जाता है,कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है.इसमें कुछ भी गलत नहीं है,ना ही कोई उद्योग चल रहा है. भाजपा में तो ये काम दो-दो सुपर सीएम करते थे.उनके तो विधायक और मंत्री तक ट्रांसफर नहीं करा पाते थे,मेरे पास तो ऐसी पूरी लिस्ट है.

सवाल- भाजपा ने आपका नाम बदलेश रखा है,इस पर आप क्या कहेंगे.

भूपेश- ये लोग तो नाम रखने में माहिर हैं.किसी का उपहास उड़ाना इनका शगल है.ये बडे लोग हैं,सम्पन्न लोग हैं,अथाह पैसा हो गया है.15 साल खूब कमाये हैं.उपहास उड़ाने की आदत पहले भी रही है और अब भी उड़ाते हैं.ये किसी भी नाम से पुकारें,मैं तो वही रहूंगा.

सवाल- प्रदेश आर्थिक दिवालियापन की ओर है,ऐसा आरोप लग रहा आपकी सरकार पर

भूपेश- देखिये ये गरीबों के उत्थान के लिये कुछ नहीं किये.ये किसानों के आर्थिक विकास के लिये कुछ नहीं किये.जब हम लोगों ने इनके लिये किया है,तो इनको तकलीफ हो रही है.इनको अंदर अंदर तकलीफ हो रही है कि हमने ये काम क्यों नहीं किया.हम आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक चल रहें हैं और दिवालियापन जैसी कोई स्थिति नहीं है. हम लोग विकास के सारे काम करेंगे,समय तो आने दीजिये.  दो महीने में आप इतनी ज्यादा समीक्षा कैसे कर सकते हैं.

देखिये वीडियो…

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