रायपुर। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जो अपनी खनिज संपदा, प्राकृतिक संसाधनों और मेहनतकश मानव संसाधन के कारण औद्योगिक विकास के लिए असीम संभावनाओं से भरा है। इसीलिए इसे “इंडस्ट्रियल हब ऑफ सेंट्रल इंडिया” भी कहा जाता है। लेकिन लंबे समय तक निवेशकों और उद्यमियों को यहां उद्योग स्थापित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अलग-अलग विभागों से अनुमति लेने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता, फाइलों का ढेर और विभागीय दौड़-धूप उद्योग जगत के लिए सबसे बड़ी बाधा थी। इस चुनौती को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गंभीरता से लिया। उनकी स्पष्ट सोच है कि यदि छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाना है तो उद्योग जगत को एक सरल, पारदर्शी और त्वरित व्यवस्था देनी होगी। सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 इसी सोच का परिणाम है। यह प्रणाली आज छत्तीसगढ़ को देश के उन चुनिंदा राज्यों की सूची में ला खड़ा करती है, जहां उद्योग स्थापित करना बेहद आसान, तेज और भरोसेमंद है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दृष्टि और प्राथमिकता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का राजनीतिक जीवन हमेशा जनहित और विकासोन्मुखी नीतियों से जुड़ा रहा है। वे भली-भाँति समझते हैं कि उद्योग सिर्फ पूंजी निवेश का साधन नहीं बल्कि रोजगार सृजन, आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक प्रगति की कुंजी भी है।

मुख्यमंत्री साय का कहना है कि “यदि हम उद्योगपतियों और निवेशकों को भरोसा दिला सकें कि छत्तीसगढ़ में उन्हें बिना अड़चन, बिना देरी और पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी तो राज्य में न सिर्फ उद्योग आएंगे, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।”

यही कारण है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी प्राथमिकता सूची में “Ease of Doing Business” को सबसे ऊपर रखा और प्रशासन को निर्देशित किया कि उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को दुनिया की सबसे सरल प्रक्रियाओं में शामिल करना है।

क्या है सिंगल विंडो सिस्टम 0.2?

सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां उद्योग लगाने के लिए जरूरी सभी अनुमति और स्वीकृति सिर्फ एक पोर्टल पर मिल जाती है।पहले एक उद्योग लगाने के लिए निवेशक को 25 से ज्यादा विभागों से अलग-अलग फाइलें और अनुमति लेनी पड़ती थी। कहीं पर्यावरण मंजूरी, कहीं बिजली कनेक्शन, कहीं पानी की आपूर्ति, कहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति – यह प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि कई निवेशक बीच में ही पीछे हट जाते थे।लेकिन सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 ने इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटलाइज कर दिया। अब एक ही आवेदन से – पर्यावरण, बिजली, पानी, भूमि, प्रदूषण नियंत्रण, श्रम और उद्योग विभाग सभी से अनुमति मिल जाती है।

सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 कार्यप्रणाली

सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 का संचालन अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है जैसे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इसमें निवेशक पोर्टल पर जाकर लॉगिन करते हैं।आधार, पैन और कंपनी विवरण से इसमें स्वतः सत्यापन हो जाता है। एकीकृत आवेदन फॉर्म जिसमें अब हर विभाग के लिए अलग-अलग आवेदन नहीं भरना पड़ता। एक ही फॉर्म में सभी जानकारी भरनी होती है। स्वचालित फॉरवर्डिंग में आवेदन जमा होते ही वह संबंधित विभागों को स्वतः भेज दिया जाता है। रियल टाइम ट्रैकिंग से निवेशक अपने आवेदन की स्थिति रियल टाइम में देख सकते हैं। SMS और ईमेल के जरिए लगातार अपडेट मिलते हैं। सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 में हर विभाग को तय समय के भीतर अनुमति देना अनिवार्य है। यदि समयसीमा में कार्रवाई नहीं हुई तो “डिफॉल्ट अप्रूवल” मिल जाता है।डिजिटल सर्टिफिकेट तकनीक से सारी अनुमति डिजिटल हस्ताक्षर के साथ ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती है।निवेशक को किसी भी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।


क्यों खास है सिंगल विंडो सिस्टम 0.2?

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे निवेशकों के लिए “वन क्लिक सॉल्यूशन” बताया है। सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 में पेपरलेस प्रक्रिया से अब किसी भी तरह की फाइल ले जाने की जरूरत नहीं होगी। पारदर्शिता के साथ हर स्टेप ऑनलाइन दिखाई देता है, भ्रष्टाचार की संभावना खत्म हो गई है। इसमें टाइम बाउंड सर्विस से तय समय सीमा में अनुमति मिलना सुनिश्चित होता है। वन पोर्टल ऑल अप्रूवल्स से 25 से ज्यादा विभागों की सेवाएं एक ही जगह। ग्लोबल स्टैंडर्ड में अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।


सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 के लिए उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया

साय सरकार की इस पहल को उद्योग जगत ने हाथों-हाथ लिया है। कुछ उद्योगपतियों का कहना है “पहले हमें 8-10 महीने लगते थे, अब सिर्फ 30-40 दिन में सारी अनुमति मिल जाती है।” कुछ ने कहा “साय जी ने हमारे लिए सबसे बड़ी रुकावट खत्म कर दी। अब हम निश्चिंत होकर निवेश कर सकते हैं।” विदेशी निवेशक कहते हैं कि “छत्तीसगढ़ अब उन राज्यों में है, जहां उद्योग स्थापित करना सबसे सरल है।”


सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 का निवेश और रोजगार पर प्रभाव

सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 लागू होने के बाद राज्य में हजारों करोड़ का नया निवेश आया है। MSME सेक्टर को बढ़ावा मिला है।
युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बन रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी छोटे उद्योग लगने लगे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का दावा है कि अगले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ देश का टॉप-5 इंडस्ट्रियल डेस्टिनेशन बनेगा। प्रदेश की रफ़्तार देखकर ऐसा महसूस भी किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री का दावा सच ही होगा।

सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 में आने वाली चुनौतियां और उसका समाधान

किसी भी नई व्यवस्था के सामने निश्चित रूप से कई चुनौतियां भी सामने आती हैं मगर राज्य की साय सरकार ने उनका दूरदर्शिता पूर्वक समाधान निकाला है। राज्य में उद्यमियों को तकनीकी जानकारी की कमी थी इसके लिए हर जिले में इंडस्ट्री हेल्प डेस्क की शुरुआत की गई। प्रदेश में इंटरनेट सुविधा का अभाव था।प्रारंभिक दौर में पोर्टल से जुड़ी तकनीकी दिक्कतें सामने आई थी।
लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेशकों के लिए 24×7 कॉल सेंटर और चैटबॉट की सुविधा दी और तकनीकी टीम ने पोर्टल को लगातार अपग्रेड किया।


सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 को लेकर भविष्य की योजनाएं

साय सरकार इसे और स्मार्ट बनाने की योजना पर काम कर रही है । कोशिश की जा रही है कि भविष्य में AI द्वारा निवेशकों को उद्योग की लोकेशन और स्कीम की जानकारी मिल जाए।मोबाइल ऐप के द्वारा ग्रामीण निवेशक भी आसानी से आवेदन कर सके ऐसी भी व्यवस्था बनाई जा रही है। विदेशी निवेशकों के लिए अलग प्लेटफॉर्म के तौर पर। ग्लोबल इन्वेस्टर कनेक्ट की भी योजना है। MSME इंटीग्रेशन से छोटे उद्योगों के लिए सब्सिडी और लोन की सुविधा भी इसी पोर्टल पर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने औद्योगिक विकास की दिशा में एक नई इबारत लिखी है। सिंगल विंडो सिस्टम 0.2 ने उद्योग स्थापना को पेपरलेस, फेसलेस और टाइमलेस बना दिया है।

अब उद्योगपतियों के लिए छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधनों से भरपूर राज्य नहीं बल्कि एक क्लिक में समाधान देने वाला और निवेशकों की सुविधा के विषय में गम्भीरता से सोचने वाला राज्य बन चुका है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का विजन साफ है “छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाना अब झंझट नहीं, बल्कि विकास और समृद्धि की ओर आसान सफर है।”