रोहित कश्यप, मुंगेली. कलेक्टर राहुल देव के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय स्थित डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम के समीप सत्य सांई हेल्प वे सोसायटी बिलासपुर ने श्रवण एवं वाक बाधित विद्यार्थियों के लिए आवासीय विशेष विद्यालय शुरू किया, जिसका आज कलेक्टर व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में शुभारंभ किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि इस विद्यालय के खुलने से जिले के श्रवण एवं वाक बाधित बच्चे यहीं रहकर पढ़़ाई कर सकेंगे. बाहर जाकर पढ़ाई करने में होने वाले खर्च में कमी आएगी. उन्होंने इन बच्चों के आने-जाने वाहन की व्यवस्था करने की बात कही.

नगरपालिका अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि विशेष आवासीय विद्यालय खुलने से जिले के श्रवण एवं वाक बाधित विद्यार्थियों को अब शिक्षा ग्रहण करने के लिए जिले के बाहर नहीं जाना पड़ेगा. उन्होंने आवासीय विद्यालय के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. इससे पहले कलेक्टर राहुल देव ने श्रवण एवं वाक बाधित विद्यार्थियों के लिए शुरू किए जा रहे आवासीय विशेष विद्यालय का निरीक्षण किया और विद्यालय के संबंध में जानकारी प्राप्त की.

संचालिका ममता मिश्रा ने बताया कि सत्य साईं हेल्प वे सोसायटी बिलासपुर द्वारा श्रवण एवं वाक बाधित आवासीय विशेष विद्यालय में 06 से 14 आयु वर्ग के श्रवण बाधित बच्चों हेतु शिक्षा व्यवस्था किया जाएगा. विशेष आवासीय विद्यालय में बच्चों का प्रवेश 15 जून से प्रारंभ किया जाएगा. कलेक्टर ने शुभारंभ के अवसर पर बिलासपुर के श्रवण एवं वाक बाधित विद्यालय से पहुुंचे विद्याथियों से भी चर्चा की और उनका अभिवादन स्वीकार किया.

उन्होंने जिले से पहुंचे श्रवण एवं वाक बाधित बच्चों के माता-पिता से भी मिले और बच्चों को आवासीय विद्यालय में रखकर पढ़ाने की बात कही. इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को विशेष शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लगातार प्रयास किया जा रहा है. इस विशेष आवासीय विद्यालय में श्रवण एवं वाक बाधित बच्चों को आगे बढ़ने और अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा. यहां विद्यालय में प्रवेशित बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा एवं आवश्यक सहायक उपकरणों के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी. कलेक्टर ने जिला प्रशासन द्वारा आवासीय विद्यालय के संचालन के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया, ताकि जिले के श्रवण एवं वाक बाधित बच्चे पढ़े और आगे बढ़े.