रायपुर। BSC नर्सिंग के पेपर लीक होने के दो सप्ताह बाद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन के हाथ ख़ाली हैं. जांच कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि जाच जारी है. जाँच का दायरा बड़ा है. प्रदेश में 18 सेंटर और 110 कॉलेजों में जांच करना आसान नहीं है, लेकिन गुनाहगारों को छोड़ा नहीं जाएगा. समय लगेगा दोषियों को पुलिस को सौंपा जाएगा. वहीं विद्यार्थियों ने गंभीर आरोप लगाया है. कहा कि जांच के नाम पर गुमराह कर रहे हैं.

दरअसल, BSC नर्सिंग परीक्षा अब तक तीन साल से नहीं हुई है. 6 बार परीक्षा रद्द हो चुकी है. पेपर लीक मामले में गठित जांच कमेटी के अध्यक्ष और आयुष यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉक्टर SK चटर्जी ने कहा कि यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर जांच कर रही है. जांच करना इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि अठारह केंद्रों और 110 कॉलेज हैं, जो जांच के दायरे में हैं. कहां से पेपर लीक हुआ है. इसका जांच करना इतना आसान नहीं है. जांच जारी है, जो ज़िम्मेदार मिलेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी. जांच के बाद रिपोर्ट पुलिस को भी सौंपा जाएगा.

वहीं नर्सिंग BSC के विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर जांच में देरी की जा रही है, जिम्मेदारों को बचाने की कोशिश की जा रही है. पेपर लीक हुए दो सप्ताह हो गया, लेकिन अब तक जांच के नाम पर सिर्फ़ गुमराह किया जा रहा है. आज हमने इसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन से बातचीत की. वहां पर हमारे सवालों का सवालों का घूमा घुमाकर जवाब दिया जा रहा था. अंत में यह भी कह दिया गया कि पेपर हम लोगों ने 1 हज़ार में बेचने को कहा था.

ग़ौरतलब है कि पिछले तीन सालों से परीक्षा नहीं होने के कारण विद्यार्थी परेशान है और जैसे तैसे कोर्ट के आदेशानुसार परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक होने की ख़बर मिलते ही परीक्षा को स्थगित किया कर जांच कमेटी गठित किया गया था.

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