रायपुर। जल संसाधन विभाग के ईई आलोक अग्रवाल के ठिकानों पर एसीबी की छापेमारी सवालों से घिर गई है. ईई के भाई पवन अग्रवाल के परिवाद पर कोर्ट ने हफ्तेभर पहले एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, जिस पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद अब जांच की कार्रवाई भी शुरू हो गई है.

जानकारी के अनुसार, मामले में शिकायतकर्ता पवन अग्रवाल और पूर्व विवेचक डीएसपी अशोक जोशी के बाद बुधवार को मामले की जांच करने वाले सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर लॉरेंस से पूछताछ की गई है. बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 120 बी, 166, 167, 213, 218, 380, 382,409, 420, 467, 468, 471, 472 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ अपराध कायम किया है.

मामला जल संसाधन विभाग के ईई रहे आलोक अग्रवाल और उनके भाई पवन अग्रवाल के विरूद्ध एसीबी की कार्रवाई से जुड़ा है. एसीबी ने 30 दिसंबर 2014 को अग्रवाल बंधुओं के घर पर छापा मारा था. इस छापे में करोड़ों रूपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा किया गया था. साल 2010 से लेकर 2013 के बीच हुए भ्रष्टाचार की शिकायत को आधार मानकर एसीबी ने अपराध दर्ज किया था.

पवन अग्रवाल ने इस मामले में एसीबी/ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के विरूद्ध अपराध दर्ज करने 156 (3) के तहत सीजेएम कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया था. परिवाद में यह दलील दी गई थी कि सर्च वारंट में अपराध नंबर दर्ज नहीं था, जबकि सर्च वारंट में आलोक अग्रवाल के विरूद्ध एसीबी में अपराध दर्ज होने की बात कही गई थी.

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