पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबन्द. जिला पंचायत के सामान्य सभा में जीप अध्यक्ष ने बिरिघाट फलदार वृक्ष का मामला उठाया तो, जिला सीईओ ने जांच दल से कहा कि 3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट नहीं सौंपा तो दल पर कार्रवाई होगी. सदन में सवालों की झड़ी पर अफसर चुप्पी साधे बैठे रहे.
दरअसल बुधवार को जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ श्वेता शर्मा की मौजूदगी में सामान्य सभा की बैठक हुई. विभागवार समीक्षा के दरम्यान जब उद्यानिकी विभाग की बारी आई तो अध्यक्ष ने बिरिघाट में लगाए गए एप्पल बेर की जानकारी पूछकर, घपले की परत उखाड़ना शूरू कर दिया. अध्यक्ष ने पूछा कि मनरेगा से 7 भागों विभक्त कर इस योजना के लिए 1 करोड़ 31 लाख की मंजूरी दी गई. जिला पंचायत समिति के अनुशंसा क्यों नहीं लिया गया. आगे उन्होंने पूछा कि इसका प्राक्कलन तैयार किसने किया. 20 हजार पौधे लगने वाले योजना में सिंचाई का प्रावधान क्यों नहीं किया गया. स्थानीय मजदूरों के जॉब कार्ड भरे गए पर गुजरात के मजदूर लाकर काम करा दिया गया. जिम्मेदार अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी.
अध्यक्ष ने कहा कि यहां पिछले दो सालों में कई काम में गुजरात से मजदूर लाकर काम कराए गए है. उसकी भी जांच होनी चाहिए. काम जिस दरम्यान हुआ उस समय जिला पंचायत के सीईओ विनीत नंदनवार थे. इसलिए वर्तमान सीईओ पी आर खूंटे कुछ भी जवाब नहीं दे सके. स्वेता के सवालों के झड़ी के बाद सीईओ ने जांच दल पर सख्ती दिखाया. उन्होंने मौजूद जांच कमेटी को दो टूक में कह दिया, अगर तीन दिन के भीतर जांच की रिपोर्ट नहीं आई तो जांच कमेटी पर कार्रवाई होगी.
आधे घण्टे से भी ज्यादा गहमा गहमी के बीच निर्माण संचार समिति के सभापति निरज ठाकुर ने जांच दल पर सवाल खड़े करते हुए 47 एकड़ रकबे में लगे 12 हजार पौधों की जांच आधा घण्टे में करने का मामला उठाया. दल से पूछा कि लगाए गए 12 हजार पौधो में कितने मर गए, सूचीबद्ध हुआ क्या. गोबर खाद व जिस रासायनिक खाद के एवज में रुपए निकाले गये, क्या उसका उपयोग होना पाया गया. इन सवालों पर भी अफसर चुप्पी साधे बैठे थे. नीरज ठाकुर के सवालों के बाद जिला सीईओ ने टीम दोबारा भेज कर पुख्ता रिपोर्ट लेने का भरोसा दिलाया है.