रायपुर. बिलासपुर में गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले जब पूरे शहर में पुलिस ने मुस्तैदी से नाकाबंदी कर रखी थी. हर चौक-चौराहों में पुलिस तैनात थी. आने-जाने वाली संदिग्ध गाड़ियों की जांच की जा रही थी. तभी शाम करीब 7:55 बजे हुई गोलीकांड से बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया.

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खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने मामले को गंभीरता से लिए और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिए. गोलीकांड के बाद खुद बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कमान संभाली और 200 सीसीटीवी फुटेज और 700 से अधिक संदेहियों से पूछताछ की गई.

इसी दौरान पुलिस को घटना स्थल से एक बैग मिला. जो पुलिस के लिए अहम सुराग बना. बैग के अंदर आरोपियों ने गाड़ी के कुछ नंबर प्लेट रखे थे, जिसे बदलने की तैयारी में आरोपी थे.

सुराग मिलते ही लोकल कनेक्शन की तलाश शुरू की गई, तो 700 संदेहियों से पूछताछ में बिलासपुर के ही रहने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने संदेह के आधार पर पकड़ा और सख्ती से पूछताछ की.

जिसके बाद पुलिस को झारखंड से आए गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी मिली.

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गांजा बेचने के बहाने पहुंची पुलिस

बिलासपुर के आरोपियों से पूछताछ में पता चला था कि गोलीकांड को अंजाम देने वाले आरोपी पूर्व में भी कई धाराओं में गिरफ्तार हो चुके है. इसलिए पुलिस गांजा को खपाने के लिए आरोपियों के पास पहुंचे थे. इसी दौरान उन्हें शक हुआ जिसके बाद आरोपियों ने बचने के लिए भगने की कोशिश की और पुलिस पर हमला भी किया. लेकिन इसमें वे कामयाब नहीं हो सके. हालांकि इस हमले में दो जवानों को मामूली चोटें आई.

इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

  1. दिनेश बांधेकर उर्फ दीनू निवासी तालापारा बिलासपुर
  2. राजू साव निवासी मगरपारा बिलासपुर
  3. अजहर अंसारी निवासी रामगढ़ झारखंड
  4. जितेंद्र शर्मा निवासी रामगढ़ झारखंड
  5. नजीर अंसारी निवासी रामगढ़ झारखंड