New Delhi Railway Station Stampede Case: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात मची भगदड़ जैसी घटना में अबतक 18 लोगों की जान चली गई। भगदड़ में जान गंवाने वालों में 9 महिलाएं, 4 पुरुष, 5 बच्चे शामिल हैं। वहीं हादसे में 25 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसमें से कुछ लोगों की स्थिति चिंताजनक है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। घायलों को इलाज के लिए लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। वहीं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। Lalluram.Com पर पढ़े हादसे की इनसाइड स्टोरीः-
भगदड़ का सटीक कारण अब तक स्पष्ट नहीं है लेकिन प्रारंभिक खबरों से पता चला कि प्रयागराज में महाकुंभ के लिए ट्रेन सेवाओं के कारण भीड़भाड़ थी। वहीं ट्रेनों के ठहराव को लेकर बार-बार प्लेफॉर्म की संख्या भी बदली जा रही थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ और बढ़ गई। भीड़ के कारण स्पेशल ट्रेन चलाने की अनाउंसमेट होता है और लोग ट्रेन पकड़ने के लिए भागने लगते हैं। इसी दौरान सीढ़िय़ों पर भगदड़ मच जाती है और फिर भीड़ सबकुछ कुचलते हुए आगे बढ़ जाती है।
कई चश्मदीदों ने बताया कि स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म्स पर भीड़ तो बहुत ज्यादा थी। प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14 और 15 पर स्थिति और बदतर थी। चश्मदीदों के मुताबिक भगदड़ की स्थिति रेलवे द्वारा ट्रेनों के ठहराव को लेकर बार-बार प्लेटफॉर्म नंबर बदलने की घोषणा के कारण उत्पन्न हुई। घटना रात करीब 9 बजकर 55 मिनट पर हुई।
NDLS पर हर घंटे बिके 1500 जनरल टिकट
जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे रेलवे ने 1500 जनरल टिकट बेचे थे। यही कारण है कि भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के एस्केलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति थी। भारतीय रेलवे ने भगदड़ की बात को अफवाह कहकर खारिज कर दिया और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बनी स्थिति को ‘भगदड़ जैसी स्थिति’ बताया। हालांकि, बाद में रेलवे ने पुष्टि की कि अज्ञात संख्या में लोग घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है।मौतों की पुष्टि एलएनजेपी अस्पताल ने की, जहां घायलों को इलाज के लिए ले जाया गया था।
भगदड़ प्लेटफॉर्म्स पर नहीं, सीढ़ियों पर हुई
एक चश्मदीद ने कहा कि भगदड़ प्लेटफॉर्म्स पर उतरने वाली सीढ़ियों पर शुरू हुई, न कि प्लेटफार्म्स पर। चश्मदीद ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ छपरा जा रहा था। हम सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे और हमारे सामने का प्लेटफॉर्म सामान्य दिख रहा था। किसी भी तरह की अव्यवस्था का कोई संकेत नहीं था।अचानक सीढि़यों पर भीड़ उमड़ पड़ी और बड़ी संख्या में लोग नीचे उतरने लगे। मेरी मां और कई महिलाएं गिर गईं, जबकि अन्य लोग उन्हें रौंदते हुए गुजर गए। अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कई यात्री प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए बिना टिकट के प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए थे।
एस्केलेटर के पास मची भगदड़
एक चश्मदीद के मुताबिक जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी, उस दौरान प्लेटफॉर्म पर काफी लोग इकट्ठा थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी भी लेट थीं। इसक वजह से इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर पहुंच गए थे। जानकारी के मुताबिक रेलवे ने हर घंटे सीएमआई के हिसाब से 1500 जनरल टिकट बेचे गए, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर-14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई।
प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की भी जगह नहीं
एक महिला यात्री ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह भी नहीं थी। जिनके पास टिकट नहीं था वो ट्रेन में बैठे थे और जिनकी सीट रिजर्व थी वो बाहर खड़े थे। महिला के मुताबिक एक पुलिसकर्मी ने कहा कि यहां से जान बचाकर निकल जाओ।
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रेलवे प्रशासन ने भगदड़ से किया इनकार
वहीं, उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कोई भगदड़ नहीं हुई है। यह केवल एक अफवाह है. उत्तर रेलवे प्रयागराज के लिए दो नियोजित विशेष ट्रेनें चला रहा था। स्थिति अब नियंत्रण में है. दिल्ली पुलिस और आरपीएफ घटनास्थल पर पहुंच गई है और घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। अचानक हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
बड़ा सवाल-बिना टिकट वाले लोग प्लेटफॉर्म पर कैसे पहुंचे?
कई चश्मदीदों ने शिकायत की कि उनके पास कंफर्म टिकट था, लेकिन वे ट्रेन में नहीं बैठ सके। बिना टिकट वाले या जनरल टिकट वाले लोगों ने ट्रेन के दरवाजों पर भीड़ कर रखी थी। भीड़ में कई यात्रियों के सामान भी चोरी हो गए। जनरल और स्लीपर छोड़िए, एसी कोचों में भी पैर रखने की जगह नहीं थी। जिन यात्रियों के पास कंफर्म टिकट था, वे भी नीचे उतर गए, क्योंकि कोच के अंदर भारी भीड़ होने के कारण दम घुट रहा था। भीड़ को कम करने के लिए रेलवे ने रात 12.30 बजे से स्पेशल ट्रेनें चलाईं। कई लोगों के पास टिकट नहीं थे। उन्होंने कहा कि वे प्लेटफॉर्म में प्रवेश कर गए. वे टिकट खरीदना चाहते थे, लेकिन ज्यादातर ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं था।
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