प्रतीक चौहान. रायपुर. आरपीएफ स्टॉफ की सैलरी काटने और सजा (डिपार्टमेंटल पनिशमेंट) कम करने के आवेदन पर उसकी सजा बढ़ाने के लिए पूरे जोन में जाने जाने वाले डीआईजी के निरीक्षण में कोई कमी न रहे इसके लिए इंस्पेक्टर साहब ने रेड कारपेट बिछाई है. डीआईजी साहब के स्वागत में कोई कमी न रह जाए इसलिए पूरे थाने को बैलून से सजाया गया और उनकी तस्वीर लगाकर फ्लैक्स भी छपवाया. लेकिन सवाल ये है कि इंस्पेक्टर साहब ने ये सब खर्चा किस फंड से किया ?
पूरा मामला भाटापारा आरपीएफ पोस्ट (Bhatapara RPF Post) का है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के डीआईजी मुहम्मद साकिब यहां सोमवार को निरीक्षण करने पहुंचे. डीआईजी के स्वागत में कोई कमी न रहे इसके लिए इंस्पेक्टर साहब ने पहले ग्रीन कारपेट और फिर रेड कारपेट बिछवाया. बता दें कि निरीक्षण पर साज-सज्जा के लिए आरपीएफ में किसी भी प्रकार का कोई फंड रिलीज नहीं होता है.
इतना ही नहीं रेल मंत्री ने भी खुद कई बार ऐसे खर्चों पर रोक लगाने के निर्देश दिए है. लेकिन शायद आरपीएफ के अधिकारियों को रेल मंत्री के आदेश की कोई भी परवाह नहीं है.
RPF के उच्च अधिकारी जारी क्यों नहीं करते निर्देश ?
अब सवाल ये है कि जोन के उच्च पदस्थ अधिकारी ऐसे निरीक्षण में बेफिजुल खर्चे पर रोक लगाने और ऐसे खर्चे इंस्पेक्टर कैसे कर रहे इसके लिए न कोई जांच होती है और न कोई आदेश जारी होता है. अब ये आरपीएफ के लिए भी जांच का विषय है कि कैसे इस पोस्ट के इंस्पेक्टर ने इस पूरे खर्चे को मैनेज किया ? क्या इसके लिए आरपीएफ के फंड का दुरूपयोग किया गया ? या किसी ठेकेदार की मदद से ये पूरे खर्चे किए गए… ? या आरपीएफ इंस्पेक्टर ने थाने के सभी स्टॉफ से चंदा एकत्र किया ? या अपनी सैलरी से इस पूरे खर्चे को मैनेज किया ?
दूसरे इंस्पेक्टर पर पड़ता है दबाव
आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमों के विपरित जाकर जब कोई इंस्पेक्टर अधिकारी के निरीक्षण में ऐसी साज सज्जा करते है तो उन पर भी ये बोझ और दबाव पड़ता है कि वे भी आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण पर ऐसे खर्चे कर शासकीय पैसे का दुरुपयोग करें.
बता दें कि ये वहीं डीआईजी साहब है जो पिछले दिनों अपने मोतिबाग (नागपुर रेल मंडल) के निरीक्षण पर जाने से पहले अपने अधिन सब इंस्पेक्टर को भेजकर निरीक्षण की कागजी कार्रवाई पूरी करवाई थी. ये खबर भी लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी. यहां ये बताना भी जरूरी है कि पिछले दिनों लल्लूराम ने तिल्दा रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से कोयला उतारने जाने का मामला भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसमें आईजी के निर्देश पर कार्रवाई हुई थी. ये चौकी भी भाटापारा पोस्ट के अधिन ही आती है और सूत्रों के मुताबिक उक्त मामले में कार्रवाई के निर्देश भी उक्त डीआईजी ने दिए थे, जिस पर जल्द अमल होने के कयास लगाए जा रहे है. इस पूरे मामले में आरपीएफ का पक्ष लेने के लिए रायपुर रेल मंडल के कमांडेंट को फोन लगाया गया, लेकिन उनसे पक्ष नहीं मिल सका.