रायपुर। विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि और रुझान बढ़ाने, उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्क क्षमता विकसित करने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना चलाई जा रही है. अवार्ड के लिए प्रदेश में अब तक 53 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन करा लिया है. अवार्ड के लिए कक्षा छठवी से दसवी तक के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं.

इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित प्रतिभागियों को मॉडल बनाने दस हजार रुपए प्रदान किया जाएगा. यही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर चयनित विद्यार्थियों को सकुरा अवार्ड स्कीम के तहत जापान भ्रमण का अवसर मिलेगा.छत्तीसगढ़ के 14 हजार 520 विद्यालयों के पूर्व माध्यमिक और हाई स्कूल स्तर की कक्षा 6वीं से 10वीं तक के होनहार बालक-बालिकाओं से सत्र 2021-22 में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के लिए ऑनलाइन पंजीयन कराया है.

आयुक्त लोक शिक्षण डॉ. कमलप्रीत सिंह ने शिक्षा सत्र 2021-22 में राज्य के सभी पूर्व माध्यमिक विद्यालयों और हाई स्कूल के कक्षा 6वीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों की अधिक से अधिक संख्या में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में शामिल करने के लिए 70 हजार प्रतिभागियों के नामांकन का लक्ष्य दिया है, लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 53 हजार 398 प्रतिभागियों का पंजीयन हो चुका है.

डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत भारत सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली और नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार का स्वायत्तशासी संस्थान (एनआईएफ) के द्वारा संचालित है, इसमें राज्य के सभी विद्यालयों से कक्षा छठवी से दसवी तक के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं.

प्रत्येक माध्यमिक स्तर के विद्यालय से तीन, हाईस्कूल स्तर के विद्यालय से दो नए आइडिया और ऐसे विद्यालय जहां पूर्व माध्यमिक शाला तथा हाईस्कूल एक साथ संचालित हों, वहां पांच नए आइडिया का चयन करने के बाद पंजीयन कराया जा सकता है. विद्यार्थियों के आइडिया के पंजीयन के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधान पाठक अथवा प्राचार्य द्वारा या संस्था के विज्ञान शिक्षक के सहयोग से पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाती है. पंजीयन आइडिया या प्रोजेक्ट का एनआईएफ द्वारा चयन होने के बाद चयनित प्रतिभागियों को मॉडल बनाने के लिए 10 हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में प्रदाय की जाती है.

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चयनित विद्यार्थियों द्वारा आइडिया के अनुरूप मॉडल तैयार कर जिला, संभाग स्तर पर आयोजित प्रदर्शनी प्रतियोगिता में भाग लेना होता है. यहां प्रतियोगिता में चयनित होने वाले प्रतिभागी राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में हिस्सा लेते हैं. इसमें चयन के बाद एनआईएफ द्वारा प्रायोजित मेंटोरशिफ्ट कार्यक्रम जो राज्य या राज्य के बाहर के एनआईटी या आईआईटी में कराया जाता है, वहां अपने मॉडल के संबंध में जानकारी और उसे अच्छा बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

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मेंटरशिप कार्यक्रम का दो या तीन दिवसीय आवासीय शिविर विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक और बहुत ही ज्ञानवर्धक होते हैं. कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी शामिल होते है. इस कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों को अपने प्रोजेक्ट मॉडल को और अच्छा बनाने अथवा सुधारने के लिए आवश्यकता अनुसार अधिकतम 50 हजार रुपए की राशि प्रदाय की जाती है.

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प्रतिभागियों द्वारा मेंटोरशिफ्ट कार्यक्रम के बाद मॉडल प्रोजेक्ट में आवश्यक सुधार कर उसे नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में शामिल किया जाता है. राष्ट्रीय स्तर प्रदर्शनी में चयनित श्रेष्ठ 60 मॉडल प्रोजेक्ट का प्रदर्शन राष्ट्रपति भवन में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन उत्सव में किया जाता है, यहां प्रतिभागियों को राष्ट्रपति के साथ मिलने और चर्चा करने का सुअवसर प्राप्त होता है.

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राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए चयनित प्रतिभागियों को देश के कुछ प्रतिष्ठित इंजिनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश क़े लिए 6 अंक और राष्ट्रीय प्रदर्शनी में पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों को 10 अंक प्रदान करने का प्रावधान है. इसके साथ ही चयनित विद्यार्थियों को सकुरा अवार्ड स्कीम के तहत जापान भ्रमण पर भेजा जाता है.