Inspiring Story of Bhavna Kesar:  कभी आतंकी घटनाओं के लिए जाना जाने वाला कश्मीर आज बदल गया है. यहां अब बेटियां पढ़ाई कर जन्नत में लगे काले धब्बे को मिटाने में लगी हुई है. राजौरी के नौशेरा की रहने वाली भावना केसर अब जज बन गई है. उनके पिता दर्जी है और उन्होंने अपनी छोटी सी दुकान से अपना पूरा परिवार पालां और आज बेटी ने अपनी कड़ी परिश्रम से न केवल परिवार का बल्कि पूरे राजौरी का नाम रौशन किया, क्योंकि अब वे यहां की पहली महिला जज बन गई है.

भावना ने टीएमपी स्कूल नौशेरा से पढ़ाई की. शुरुआती पढ़ाई के बाद वह आगे पढ़ने के लिए चंडीगढ़ चली गई थीं. उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीएलएलबी किया, उसके बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने लगीं. उनका चयन पहले जम्मू हाईकोर्ट में रीडर के पद पर हुआ. हालांकि उन्हें जज बनना था, इसलिए जज के पद के लिए आवेदन किया, जिसमें वह चयनित हो गई हैं.

दर्जी की बेटी बनी राजौरी की पहली महिला जज

पिता नहीं छोड़ेंगे सिलाई का काम भावना के पिता नरेश केसर ने बताया कि जिंदगी भर उन्होंने दर्जी का काम किया है, बेटी जज बन गई है लेकिन वह रोजीरोटी देने वाले अपने इस प्रफेशन को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है, जिसने उनका, उनके परिवार का और पूरे राजौरी का मान बढ़ाया है.

 ज्यूडिशियरी में जाने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए प्रेरणा के कुछ कार्यों को साझा करते हुए, भावना केसर ने कहा, “हमारी मानसिकता है कि अपने सपनों को हासिल करना कठिन है लेकिन अगर आप प्रेरित रहती हैं, तो सब कुछ आसान है. आपको तलाश करने के बजाय अपनी खुद की प्रेरणा बननी होगी. उनका कहना था कि आप किसी और से प्रेरित हो सकते हैं लेकिन प्राथमिक प्रेरणा हमेशा भीतर से आती है.

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